Kangana Ranaut: बॉलीवुड जगत के रास्ते अब राजनीति में अपना स्थान स्थापित कर चुकीं कंगना रनौत को लेकर सुर्खियों का बाजार गर्म है। दरअसल 6 सितंबर को Kangana Ranaut की मूवी ‘इमरजेंसी’ रिलीज होने वाली है जिसमें वो मुख्य किरदार की भूमिका निभाती नजर आएंगी। इमरजेंसी (Emergency) मूवी रिलीज होने से पहले ही इसको लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में सियासी संग्राम छिड़ता नजर आ रहा है।
पंजाब की बरनाला निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर इस अपकमिंग मूवी को लेकर बड़ा दावा किया है। आप सांसद (MP) का कहना है कि “अगर इमरजेंसी मूवी में कोई ऐसा दृश्य मिलता है जिससे किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाता है, तो उस पर निश्चित रूप से विचार-विमर्श कर प्रतिबंध लगाया जाएगा।”
Kangana Ranaut की अपकमिंग मूवी पर सियासी संग्राम!
भारतीय जनता पार्टी की सदस्य और हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं कंगना रनौत (Kangana Ranaut) इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। दरअसल 6 सितंबर को कंगना रनौत की मूवी इमरजेंसी रिलीज होने वाली है जिसको लेकर अलग-अलग राज्यों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
पंजाब की बात करें तो बरनाला लोकसभा सीट से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने भी इस अपकमिंग मूवी (Emergency) को लेकर बड़ा दावा किया है। AAP सांसद का कहना है कि “हम पंजाबियों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। हालाकि हमें नहीं पता कि इस फिल्म में क्या है? न तो मैंने और न ही किसी और ने ये फिल्म देखी है। ऐसे में अगर कोई दृश्य है जो किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है या किसी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाता है, तो उस पर निश्चित रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा और उस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।” आप सांसद के इस दावे को लेकर अब खूब सुर्खियां बन रही हैं।
क्या Emergency पर बैन लगाएगी तेलंगाना सरकार?
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की अपकमिंग मूवी को लेकर छिड़े संग्राम के बीच ही एक बड़ी खबर सामने आ रही है। ‘इंडिया टूडे’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘इमरजेंसी’ मूवी का सिख समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है। समुदाय का कहना है कि इसमें सिखों का गलत चित्रण किया गया है।
‘इमरजेंसी’ (Emergency) मूवी के विरुद्ध उठ रही तमाम आवाजों के बीच तेलंगाना के एक सिख संगठन ने फिल्म को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर इसके स्क्रीनिंग पर बैन लगाने की मांग की है। हालाकि तेलंगाना सरकार की ओर से अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार इस विषय पर क्या फैसला लेती है।