Punjab News: पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Mann) के नेतृत्व में चल रही आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर बेहद गंभीर है। यही वजह है पंजाब के विभिन्न हिस्सों में सरकारी क्रय केन्द्रों पर धान की खरीदारी (Paddy Procurement) से जुड़े हर मसले की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री मान व विभागीय मंत्री कर रहे हैं। धान की खरीदारी के दौरान ही पंजाब (Punjab) के अलग-अलग हिस्सों में किसानों की कुछ मांगे शेष हैं। किसानों की इन्ही मांगों को लेकर आज कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है।
मान सरकार के मंत्री लाल चंद कटारूचक (Lal Chand Kataruchak) ने एक आंकड़ा पेश करते हुए कहा है कि किसानों के खाते में शुक्रवार शाम तक सरकार की ओर से 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम भेजी जा चुकी है। ये रकम धान की कीमत है जिसके लिए पूर्व की सरकारों में किसानों को इंतजार करना पड़ता था। मंत्री कटारूचक का कहना है कि मंडी में आने वाली धान को सरकार खरीदने का काम कर रही है और साथ ही धान की रकम किसानों को ट्रांसफर की जा रही है।
Punjab News- मंत्री Lal Chand Kataruchak का बयान
पंजाब के विभिन्न हिस्सों में हो रही धान की खरीदारी को लेकर मान सरकार के मंत्री लाल चंद कटारूचक (Lal Chand Kataruchak) ने अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि किसानों की सभी मांगों को वरीयता में रखा जा रहा है। इस क्रम में क्रय केन्द्रों पर आने वाले सभी धान के खेंप की खरीदारी की जा रही है। मंत्री कटारूचक का कहना है कि इस सीजन में राज्य को अब तक 1831588 मीट्रिक टन धान प्राप्त हुआ है। वहीं 262169 मीट्रिक टन धान बाजारों से उठा लिया गया है।
2.62 लाख मीट्रिक टन धान के लिए पेमेंट भी किए जा रहे हैं और इस क्रम में अब तक करीब 3000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। पंजाब सरकार का कहना है कि धान खरीद की ये सजग प्रक्रिया आगे भी चलती रहेगी जिससे किसानों को लाभवान्वित किया जा सके।
धान के स्टोरेज से जुड़े मुद्दे पर पंजाब सरकार का स्टैंड
धान खरीदारी (Paddy Procurement) के साथ इसका स्टोरेज भी पंजाब सरकार के लिए अहम मुद्दा है। मंत्री कटारूचक का कहना है कि इस वर्ष 85 लाख एमटीए की स्टोरेज पंजाब के विभिन्न हिस्सों में बनी है। सरकार का कहना है कि पिछले वर्ष की किसानों की उपज स्टोरेज के लिए चली गई है। ऐसे में इस वर्ष के लिए चिंता का कोई विशेष कारण नहीं बनता है।