Punjab News: पंजाब की भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार ने किसानों को बड़ा उपहार देते हुए लिफ्ट सिंचाई परियोजना का नींव पत्थर रख दिया है। कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस (Harjot Singh Bains) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि लिफ्ट सिंचाई परियोजना का काम 6 महीनों में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए सरकार 90 करोड़ रुपये खर्च करेगी। दावा किया जा रहा है कि इस खास सिंचाई परियोजना के शुरू होने के बाद चंगर इलाके की तस्वीर बदल जाएगी। पंजाब सरकार का दावा है कि लिफ्ट सिंचाई परियोजना की मदद से इलाके के 3300 एकड़ भूमि तक सिंचाई का पानी पहुंचाया जा सकेगा।
6 महीने में लिफ्ट सिंचाई परियोजना का काम पूरा करेगी भगवंत मान सरकार!
भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार ने किसानों के हित का ध्यान रखते हुए लिफ्ट सिंचाई परियोजना की नींव रख दी है। हिमाचल प्रदेश और पंजाब की सीमा से लगे चंगर इलाके में स्थित समलाह गांव में शुरू हुई लिफ्ट सिंचाई परियोजना का लक्ष्य बेहद व्यापक है। इस खास परियोजना की मदद से पंजाब सरकार 3300 एकड़ भूमि तक सिंचाई का पानी पहुंचाएगी। सिंचाई के लिए क्यारियों की मदद से खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। बता दें कि चंगर इलाके में पानी की बहुत किल्लत थी। इसी को देखते हुए पंजाब सरकार ने लिफ्ट सिंचाई प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। दावा किया जा रहा है कि इस सिंचाई प्रोजेक्ट का काम पूरा होने और प्रभाव में आने के बाद चंगर इलाके में पानी की किल्लत दूर होगी।
चंगर इलाके के लिए निर्धारित की गई लिफ्ट सिंचाई परियोजना में नए ट्यूबवेल लगाना, बेहतर सड़कों का निर्माण करना और पर्यटन को बढ़ावा देने से जुड़े काम भी शामिल हैं। मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने ये भी स्पष्ट किया है कि चंगर के हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने के लिए 300 करोड़ रुपये की विकास परियोजना संबंधी बात चीत वर्ल्ड बैंक से चल रही है। जल्द ही चंगर वासियों का दिन बदलने वाला है।
पंजाब के 84 फीसदी खेतों तक नहरी पानी पहुंचा रही पंजाब सरकार
मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने आज सिंचाई और किसानों के खेतों तक पहुंचने वाले नहरी पानी को लेकर बड़ी जानकारी दी है। सीएम मान ने दिड़बा में सार्वजनिक मंच से कहा है कि “पंजाब में हमारी सरकार बनने से पहले सिर्फ 21 फीसदी नहरी पानी ही खेतों तक जाता था। जिसे हमने अब चार गुना बढ़ाकर 84 फीसदी तक पहुंचा दिया। गांवों में बंद पड़ीं कस्सियाँ, रजवाहे और सूए फिर से शुरू कर दिए। जिससे बिजली की बचत भी हो रही है और जमीन के नीचे का पानी भी बच रहा है।”