Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फिनलैंड से प्रशिक्षण लेकर लौटे शिक्षकों को राज्य की शिक्षा क्रांति के अग्रदूत बनने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर फिनलैंड में प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे प्राथमिक शिक्षकों के साथ बातचीत करते हुए इसे एक ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने शिक्षकों को छात्रों के लिए रोल मॉडल बनने का आह्वान किया और कहा कि उन्हें एक नेक कार्य के लिए फिनलैंड भेजा गया था। भगवंत मान ने कहा कि शिक्षकों को देश के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि नए कौशल सीखने वाले ये शिक्षक अब राज्य और देश की धरोहर बनेंगे।
सरकारी स्कूलों के छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करें
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे सरकारी स्कूलों के छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करें ताकि हमारे बच्चे राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बन सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए छात्र कॉन्वेंट स्कूलों के विद्यार्थियों की बराबरी कर सकेंगे। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि यह शिक्षक अपनी महारत विद्यार्थियों व उनके सहयोगियों के साथ अधिक अधिक सांझा करेंगे, जिससे शिक्षा क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने शिक्षा प्रणाली में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है, क्योंकि पहली बार हमारे 72 प्राथमिक शिक्षक फ़िनलैंड में पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त करके लौटे हैं।
उन्होंने कहा कि यह केवल एक नए देश की यात्रा नहीं थी, बल्कि यह पंजाब में शिक्षा के भविष्य को नई तकनीकों के अनुरूप ढालने, श्रेष्ठ प्रथाओं और नवाचारी तरीकों को खोजने का अनोखा अवसर था।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है और पंजाब में राज्य सरकार लगातार शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए प्रयासरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर बच्चे, चाहे उसका पृष्ठभूमि कोई भी हो, को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ़िनलैंड को इसलिए चुना गया क्योंकि यह विश्व स्तर पर सबसे प्रभावशाली शिक्षा ढांचे में से एक के रूप में प्रसिद्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन शिक्षकों की उन्नत कौशल, उनकी रुचियों को ध्यान में रखते हुए, छात्रों के भविष्य को संवारने में मदद करेगी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह दिन राज्य के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक ओर राज्य की शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने और दूसरी ओर छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम शुरू किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापन की नई तकनीकों का प्रशिक्षण देने के इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों के पेशेवर कौशल को बढ़ाना है ताकि वे विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर सकें। भगवंत मान ने कहा कि इस पहल से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के द्वार खुलेंगे। उन्होंने दोहराया कि शिक्षक देश के निर्माता होते हैं, जो शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देकर उनके अध्यापन कौशल को निखारने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रशिक्षण शिक्षकों को अत्याधुनिक शिक्षण अभ्यास, नेतृत्व कौशल और अन्य नवीन तरीकों से लैस करेगा, जिससे उनकी सोच और व्यापक होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मार्गदर्शक पहल राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इन प्रयासों से पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन जाएगा। भगवंत सिंह मान ने शिक्षकों को इस प्रशिक्षण को ज्ञान का ऐसा बीज बनाने के लिए प्रेरित किया, जो पेड़ बनकर न केवल विद्यार्थियों बल्कि पूरे समाज को लाभान्वित करे।
पंजाब सरकार विदेशों में सीखे गए कौशल को लागू करने में शिक्षकों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार विदेशों में सीखे गए कौशल को लागू करने में शिक्षकों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार उनके लिए ऐसा मंच तैयार करेगी जहां वे अपने ज्ञान को अन्य शिक्षकों के साथ साझा कर सकें और स्कूलों में निरंतर सुधार की संस्कृति विकसित कर सकें। भगवंत सिंह मान ने शिक्षकों से इस परिवर्तनकारी पहल का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस करने का आह्वान किया, क्योंकि यह न केवल शिक्षा के लिए है, बल्कि लाखों बच्चों के सपनों और आकांक्षाओं को भी साकार करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारे राज्य और देश की प्रगति के लिए सबसे शक्तिशाली साधन है और यह पंजाब की शिक्षा की कहानी में एक नए अध्याय की शुरुआत कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों और अभिभावकों को अपने बच्चों की क्षमता और योग्यता पर विश्वास करना चाहिए क्योंकि वे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को किसी खास विषय को लेने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी रुचि के अनुसार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह विद्यार्थियों को अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने और हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने में मदद करेगा।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने विद्यार्थियों के लिए अनोखे अवसर की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय विज्ञान संस्थान और गूगल के मुख्यालय का दौरा कराया जाएगा। इस अनूठे अनुभव का उद्देश्य विद्यार्थियों को अत्याधुनिक तकनीक के बारे में जानने का अवसर प्रदान करना है।
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