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किसानों के हित में CM Mann का बड़ा कदम, पंजाब के कई जिलों में सिंचाई के लिए मिलने लगा नहरी पानी; जानें डिटेल

Punjab News: पंजाब में सीएम भगवंत सिंह मान के निर्देश पर आज से राज्य के फजलिका, फरीदकोट व बठिंडा जैसे कई प्रमुख जिलों में नहरी पानी मिलना शुरू हो गया है।

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CM Bhagwant Mann

Punjab News: उत्तर भारत के प्रमुख कृषि प्रधान राज्य पंजाब में, आज भी आधे से ज्यादा की आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि कार्यों पर निर्भर है। इसी क्रम में सूबे की मान सरकार किसानों के हितों को सदैव ध्यान में रख कर उनके लिए फैसले लेती है।

पंजाब के विभिन्न हिस्सों में अब धान की बुआई का सत्र शुरू होने वाला जिसके लिए किसानों को भारी मात्रा में सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता होगी। मान सरकार ने किसानों की इस आवश्यकता को देखते हुए आज यानी 11 जून से राज्य के फरीदकोट, बठिंडा, फजलिका व मानसा जैसे जिलों में नहरी पानी की शुरुआत कर दी है। दावा किया जा रहा है कि नहरी पानी शुरू होने से राज्य के किसान इसका प्रयोग सिंचाई के लिए कर सकेंगे और राज्य के कृषि सेक्टर के साथ खुद को भी सशक्त बना सकेंगे।

पंजाब के इन प्रमुख जिलों को मिला नहरी पानी

पंजाब में इन दिनों खेती के लिहाज से पानी बेहद महत्वपूर्ण है। दरअसल 15 जून के बाद ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में धान की बुआई शुरू होगी जिसमें सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता होगी। मान सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुए ही आज यानी 11 जून से अपने वादों के मुताबिक नहरी पानी की शुरुआत कर दी है।

आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब के आधिकारिक एक्स हैंडल से दी गई जानकारी के मुताबिक आज पंजाब के 6 जिलों फरीदकोट, बठिंडा, फजलिका, मुक्तार साहिब, फिरोजपुर व मानसा से गुजरने वाली नहरों में पानी की लहर छोड़ दी गई है। दावा किया जा रहा है कि अब धान की बुआई व सिंचाई में किसानों को पानी की दिक्कत नहीं होगी और उनका काम आसान हो सकेगा।

पंजाब सरकार का मिशन भू-जल संरक्षण

पंजाब सरकार गांव-गांव नहरी मिशन के तहत राज्य के ज्यादातर गावों में पानी पहुंचाने का काम कर रही है। इसके साथ ही सरकार किसानों से ट्यूबवेल व वाटर पंप के माध्यम से सिंचाई न करने की अपील भी कर रही है। दरअसल ये खास मिशन भू-जल संरक्षण के लिए चलाया जा रहा है।

पंजाब सरकार का कहना है कि नहरी पानी के गांव-गांव पहुंच जाने से किसानों को सिंचाई के लिए भू-जल का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा जिससे भू-जल को आगामी भविष्य के लिए संरक्षित किया जा सकेगा।

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