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Punjab News: ‘मान सरकार’ का बड़ा कदम! वैकल्पिक फसल उगाने पर किसानों को मिलेंगे 17500 रुपये; जानें कैसे होगा फायदा?

Punjab News: पंजाब में सीएम भगवंत मान (CM Mann) की सरकार फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और वैकल्पिक फसल अपनाने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 17500 रुपये देगी।

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फाइल फोटो- CM Bhagwant Mann

Punjab News: पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार लगातार कृषि सेक्टर की बेहतरी के लिए प्रयासरत नजर आ रही है। इसी क्रम में पराली जलाने वाले घटनाओं पर लगाम लगाने के साथ आधुनिक मशीनों का वितरण किया जा रहा है। वहीं भू-जल को भी बचाया जा रहा है जिससे कि भविष्य में खेती प्रभावित न हो और किसान भी सशक्त रह सकें।

पंजाब सरकार ने फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। मान सरकार की ओर से स्फष्ट किया गया है कि धान के बजाय वैकल्पिक फसल उगाने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 17500 रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि पंजाब (Punjab News) सरकार के इस कदम से भू-जल को बचाने का उद्देश्य भी पूरा हो सकेगा और साथ ही फसल विविधीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

किसानों को मिलेंगे 17500 रुपये

पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने राज्य में फसल विविधीकरण कार्यक्रम (CDP) लागू करने का निर्णय लिया है। पंजाब सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अब जो भी किसान धान की खेती के बदले वैकल्पिक फसलों की खेती करेगा, उसे प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 17500 रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। ध्यान देने योग्य बात ये है कि कोई भी किसान अधिकतम पांच हेक्टेयर तक क्षेत्र पर इस कार्यक्रम का लाभ उठा सकेगा।

पंजाब सरकार ने इस खास मुहिम के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 289.87 करोड़ रुपए की राशि अलग रखी है। जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार किसानों को दो किश्तों में प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराएगी। पहली किस्त डिजिटल फसल सर्वेक्षण और कृषि मैपर एप के माध्यम से सत्यापन के बाद तो वहीं दूसरी किस्त फसल की कटाई के बाद किसानों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी। दावा किया जा रहा है कि मान सरकार के इस फैसले से वैकल्पिक फसलों की खेती को बढ़ावा मिल सकेगा और किसान अधिक सशक्त हो सकेंगे।

कैसे होगा फायदा?

पंजाब सरकार द्वारा लागू किए गए फसल विविधीकरण कार्यक्रम (सीडीपी) के तहत धान के बजाय वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य के गिरते भू-जल स्तर पर भी लगाम लगेगी और धान के साथ अन्य वैकल्पिक फसलों का भी पैदावार हो सकेगा। बता दें कि पंजाब में ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं जिसकी सिंचाई के लिए उन्हें ट्यूबवेलों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में गिरते भू-जल स्तर से संकट के बादल न छाए इसके लिए मान सरकार ने ये कदम उठाए हैं।

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