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Punjab News: तलवाड़ा में ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी खोलेगी मान सरकार, जानें कैसे बढ़ते तकनीक से कृषि जगत को होगा फायदा?

Punjab News: पंजाब सरकार होशियारपुर जिले के तलवाड़ा शहर में ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी खोलेगी जिससे कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके और उनके उद्यमिता कौशल को विकसित किया जा सके।

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फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

Punjab News: पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Mann) के नेतृत्व में चल रही सरकार लगातार तकनीक को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार द्वारा इसी क्रम में होशियारपुर के तलवाड़ा शहर में ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी खोलने की योजना बनाई गई है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्र की नमो ड्रोन दीदी योजना से प्रेरणा लेते हुए मान सरकार भी पहली ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी खोली जाएगी। इसके तहत राज्य की ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन का उपयोग करके खेतों में छिड़काव करने के लिए ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जा सकेगा और तकनीक की मदद से कृषि जगत में तगड़ा बदलाव लाया जा सकेगा। (Punjab News)

ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी खोलेगी मान सरकार

पंजाब सरकार की ओर से होशियारपुर जिले के तलवाड़ा शहर में ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी खोलने की योजना बनाई गई है। दावा किया जा रहा है कि इस प्रशिक्षण अकादमी में ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे आसानी से ड्रोन का इस्तेमाल कर सकें और अपने खेतों में आसानी से दवाओं का छिड़काव कर लें।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार मान सरकार को इस संबंध (ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी) में केंद्र की नमो ड्रोन दीदी योजना से प्रेरणा मिली है। जानकारी के मुताबिक इस खास योजना के तहत पंजाब की लगभग 22 महिलाएं प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए गुड़गांव भी गई थीं। दावा किया जा रहा है कि ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी के शुरू होने के बाद ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सकेगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और उनके उद्यमिता कौशल में भी इजाफा हो सके।

कृषि जगत को होगा फायदा

ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना होने के बाद किसान (महिला-पुरुष) आसानी से ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किए जा सकेंगे। ये प्रशिक्षित वर्ग ही कृषि कार्यों में दवा के छिड़काव और फसलों की रख-रखाव के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा जिससे फसलों की उत्पादन पर सकारात्मक असर पड़ेगा और किसान पहले की तुलना में और सशक्त हो सकेंगे।

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