Punjab News: देश को आजाद कराने के लिए असंख्य वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। शहीद करतार सिंह सराभा और उनके सहयोगियों का नाम भी उन्हीं वीरों की सूची में दर्ज है। शहीद करतार सिंह सराभा (Kartar Singh Sarabha) ने अंग्रेजों से लड़ते हुए महज़ 19 वर्ष की आयु में ही अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उनके त्याग और बलिदान को स्मरण कर हर वर्ष 16 नवंबर को शहीदी दिवस (Shahidi Divas) मनाया जाता है। इसी क्रम में अबकी बार भी शहीदी दिवस के अवसर पर करतार सिंह सराभा और उनके सभी सहयोगियों की श्रद्धा-सुमन अर्पित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) भी एक आयोजन का हिस्सा बन कर शहीद करतार सिंह सराभा तो नमन करते नजर आए। सीएम मान ने इस दौरान कई प्रमुख बातें कही हैं जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे। (Punjab News)
Punjab News- शहीदी दिवस पर CM Bhagwant Mann की खास प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट जारी कर शहीदी दिवस (Shahidi Divas) पर अपनी खास प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि “हम ग़दर आंदोलन के बाल सेनापति और देश के महान क्रांतिकारी योद्धा शहीद करतार सिंह सराभा जी सहित सात ग़दरी योद्धाओं की शहादत को सलाम करते हैं। देश की आजादी के लिए शहीद हुए इन सात ग़दरी योद्धाओं का जीवन और उनकी देशभक्ति की भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी।”
सीएम मान ने एक कार्यक्रम के दौरान अपना संबोधन करते हुए कहा कि “आज के दिन शहीद करतार सिंह सराभा (Kartar Singh Sarabha) जी ने 19 साल की उम्र में शहादत दी थी। देश की आज़ादी के लिए उनकी ओर से दी गई इस शहादत को हम सिर झुका कर सलाम करते हैं।”
देश की आजामी में शहीद करतार सिंह सराभा का योगदान
शहीद करतार सिंह सराभा और उनके सहयोगी बख्शीश सिंह, सुरैण सिंह, हरनाम सिंह, जगत सिंह और विष्णु गणेश पिंगले का योगदान बेहद अहम रहा है। इन सभी देश भक्तों ने देश की आजादी के लिए 16 नवंबर 1915 को हंसते-हंसते फांसी का फंदा चुन लिया और अपने प्राण की आहुति दे दी।
शहीद होने से पहले करतार सिंह सराभा और उनके सहयोगियों ने गदर पार्टी का हिस्सा बन कर देश की आजादी के लिए अथक प्रयास किए। उन्होंने लोगों को जागरुक करने के लिए कई लेख और देशभक्ति कविताएं भी लिखी। वे सोहन सिंह और सचिव लाला हरदयाल जैसे क्रांतिकारी वीरों के साथ भी काम रहे। आजादी के बाद उनकी वीरता पर एक फिल्म ‘शहीद करतार सिंह सराभा’ (1977 में) रिलीज हुई। इस फिल्म में भारत की स्वतंत्रता के लिए बलिदान होने वाले इस वीर की गाथा दिखाई गई ताकि लोगों के भीतर देशप्रेम का भाव पैदा किया जा सके।