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Punjab News: सिख इतिहास की प्रसिद्ध घटना ‘साका पंजा साहिब’ पर CM Mann की खास प्रतिक्रिया, बोले ‘शहीदों की शहादत..’

Punjab News: CM Bhagwant Mann ने सिख इतिहास की प्रसिद्ध घटना 'साका पंजा साहिब' पर अपनी खास प्रतिक्रिया दी है।

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फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

Punjab News: पंजाब के साथ देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आज ‘साका पंजा साहिब’ स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। इस खास अवसर पर लोग सिख इतिहास की इस प्रसिद्ध घटना में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। लोग ‘साका पंजा साहिब’ (Saka Panja Sahib) में शहादत को प्राप्त हुए वीरों को भी याद कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

इस अवसर पर पंजाब (Punjab News) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। सीएम मान के आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट जारी कर ‘साका पंजा साहिब’ घटना में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया गया है।

Punjab News- साका पंजा साहिब पर CM Bhagwant Mann की प्रतिक्रिया

सिख इतिहास की प्रसिद्ध घटना ‘साका पंजा साहिब’ पर मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) की खास प्रतिक्रिया आई है। सीएम मान का कहना है कि “साका पंजा साहिब (Saka Panja Sahib) के सभी शहीदों की शहादत को कोटि-कोटि नमन। जिन्होंने गुरु घरों का मान-सम्मान बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी उन्हें सदैव स्मृतियों में रखा जाएगा।”

सिख इतिहास की प्रसिद्ध घटना

साका पंजा साहिब (Saka Panja Sahib) को सिख इतिहास की प्रसिद्ध घटना कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक 20वीं सदी के शुरुआत में गुरुद्वारा साहिबानों पर महंतों का कब्जा रहा। बीतते समय के साथ महंत स्वार्थी होते गए। सिख समुदाय की इच्छा थी कि गुरुद्वारा साहिबानों का प्रबंधन सिखों द्वारा चुनी गई प्रबंधन समिति करे और इससे प्राप्त आर्थिक और संगठनात्मक शक्ति का उपयोग सिख समाज के समुचित विकास के लिए किया जाए।

हालांकि, कई महंत गुरुद्वारा साहिबान को सिख समुदाय को सौंपने के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में सिख समाज गुरुधामों को मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा था। इसके लिए वाद-विवाद का क्रम भी बढ़ा। इस आंदोलन में हिस्सा लेने वाले 5500 सिखों को 1922 (अगस्त) में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किए गए इन सिखों में से एक जत्थे को ढाई साल की सजा सुनाई गई। 28 अक्टूबर को सिखों के इस जत्थे को लेकर एक ट्रेन पंजा साहिब स्टेशन से गुजरने वाली थी। इसी दौरान लोगों ने लंगर का आयोजन करने का विचार किया।

तत्कालिन शासन ने इसे अनुमति नहीं दी। इसके बाद लोग दूध, फल, पानी आदि लेकर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए। इसी दौरान करम सिंह और प्रताप सिंह के नेतृत्व में लोगों ने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया और अंतत: ट्रेन के नीचे कटकर शहीद हो गये। सिख इतिहास में इस घटना को ‘साका पंजा साहिब’ के नाम से जाना जाता है।

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