Punjab News: पंजाब में किसानों द्वारा लगाई गई धान की फसल अब लगभग तैयार हो गई है। इसी क्रम में फसल की कटाई का काम जोरों से चल रहा है। किसानों को अपनी फसल से बहुत उम्मीद है। उनके मन में कई तरह के सवाल हैं जैसे पंजाब सरकार धान फसल की खरीदारी (Paddy Procurement) कब से करेगी? धान पर कितना MSP किसानों को मिलेगा? धान के भंडारण के लिए गोदामों में जगह है या नहीं? किसानों के मन में उठते सवालों के बीच ही पंजाब सरकार की ओर से अहम खबर सामने आई है।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) आज धान की खरीदारी को लेकर ही खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान बैठक में धान खरीदारी के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा और साथ ही इसके लिए किए जा रहे सभी इंतजामों पर भी चर्चा की जाएगी। (Punjab News)
मान सरकार की अहम बैठक
पंजाब में धान की खरीदारी 1 अक्टूबर 2024 से शुरू होने वाली है। धान की खरीद के लिए केन्द्र की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2300 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। वहीं ग्रेड ए धान का एमएसपी 2320 प्रति क्विंटल होगा। पंजाब में धान की खरीदारी से पूर्व आज मुख्यमंत्री भगवंत मान, खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों संग बैठक करेंगे। इस बैठक में धान खरीदारी को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा और साथ ही इंतजामों पर भी चर्चा की जाएगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सीजन के दौरान 185-190 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो सकती है जिससे 120-125 लाख मीट्रिक टन चावल का उत्पादन होगा।
धान भंडारण बड़ी चुनौती?
पंजाब में 1 अक्टूबर से धान की खरीदारी शुरू होने वाली है। इससे पहले धान की नई फसल का भंडारण (Storage of Paddy) करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। दरअसल पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में स्थित सरकारी गोदामों में पिछले वर्षों के चावल और गेहूं भरे हुए हैं। ऐसे में धान की फसल का भंडारण करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए दिल्ली में आपूर्ति विभाग के अधिकारियों संग बीते दिनों बैठक का दौर चला था। इसमें भारतीय खाद्य निगम ने नवंबर तक गोदामों में रखे 30 लाख टन चावल का उठान करने का वादा किया है।
इसके अलावा राज्य के अलग-अलग गोदामों में रखे गए 40 लाख टन गेहूं को भी दूसरे राज्यों में भेजने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि नए चावल के लिए जगह बनाई जा सके और उनका भंडारण आसानी से किया जा सके।