Punjab News: पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सुझाए गए भर्ती नियमों में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। पंजाब सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस भर्ती नियम से चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब की हिस्सेदारी और भूमिका कम हो सकती है।
पंजाब सरकार ने इस संबंध में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को नए भर्ती नियम के निर्माण की प्रक्रिया में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा चंडीगढ़ प्रशासन को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अधिकारियों की नियुक्ति में पंजाब-हरियाणा के अधिकारियों का अनुपात 60:40 का बना रहे।
भर्ती नियम को लेकर जताई गई आपत्ति
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने UT चंडीगढ़ में भर्ती नियम को लेकर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। पंजाब सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति के क्रम में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों का 60:40 अनुपात रखा जाना चाहिए। इसके अलावा संघ शासित प्रदेश चंडीगढ़ में रिक्त पदों पर केन्द्र या अन्य राज्यों या अन्य संघ शासित प्रदेशों के अधिकारियों से नहीं भरा जाना चाहिए।
पंजाब कार्मिक विभाग ने लिखा पत्र
पंजाब सरकार के कार्मिक विभाग ने UT चंडीगढ़ प्रशासन के टाउन प्लानिंग विंग और आर्किटेक्चर विंग के लिए ड्राफ्ट भर्ती नियम मामले में UT गृह सचिव को पत्र लिखा है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि ड्राफ्ट नियमों को 4 मार्च, 2024 को तैयार करने के बाद आम जनता की आपत्तियों और सुझावों के लिए अपलोड किया गया। लेकिन इन ड्राफ्ट नियमों को पंजाब सरकार को उसकी टिप्पणियों के लिए भी नहीं भेजा गया और ना ही इसमे पंजाब राज्य का कोई प्रतिनिधि शामिल है।
पंजाब सरकार ने इसके अलावा ये भी कहा है कि UT चंडीगढ़ में अलग-अलग पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के केंद्रीय अधिकारियों के लिए खुला नहीं रखा जाना चाहिए। इन पदों को केवल पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए।