Punjab News: गुरु अंगद देव जी के गुरतगद्दी दिवस पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है। मालूम हो कि सिख धर्म के दूसरे गुरु अंगद देव थे। उनका वास्तविक नाम लहणा था। जानकारी के मुताबिक उनका जन्म 31 मार्च 1504 ईस्वी में हुआ था। गुरु नानक जी ने इनकी भक्ति और आध्यात्मिक योग्ता से प्रभावित होकर इन्हें अपना मना और अंगद नाम दिया था।
सीएम भगवंत मान ने प्रदेशवासियों को दी बधाई
आपको बता दें कि सीएम भगवंत मान ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि सेवा के जन-समूह, गुरुमुखी दानियों,
दूसरे पातशाह साहिब श्री गुरु अंगद देव जी के गुरतगद्दी दिवस की आप सभी को बधाई। गुरु साहिब जी ने गुरुमुखी लिपि का प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ पूरी मानवता की निस्वार्थ भाव से सेवा का संदेश भेजा (Punjab News)।
कौन थे सिख धर्म के दूसरे गुरु अंगद देव जी?
मालूम हो कि गुरु अंगद देव जी का जन्म 31 मार्च 1504 ईस्वी में हुआ था। कहा जाता है कि नानक देव जी ने गुरु अंगद देव जी 7 परीक्षाएं ली थी। सिख धर्म और गुरु के प्रति उनकी आस्था देखकर गुरु नानक जी ने उन्हें दूसरे नानक की उपाधि दी और गुरु अंगद का नांम दिया। तब से वह सिखों के दूसरे गुरु कहलाए।
29 मार्च 1552 में अपना शरीर त्याग दिया
बताते चले कि सिखों के दूसरे गुरु अंगद देव जी ने गुरु अमर दास जी को उनकी सेवा और समर्पण से खुश होकर एवं उन्हें सभी प्रकार से योग्य जानकर गुरु गद्दी सौंप दी। इस प्रकार वह गुरु अमर दास जी उनके उत्तराधिकारी और सिखों के तीसरे गुरु बन गए। 29 मार्च 1552 को गुरु देव जी ने अपना शरीर त्याग दिया।