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Punjab News: बजट पर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जताई निराशा, राज्य को दरकिनार करने का लगाया आरोप

Punjab News: पंजाब के वित्त मंत्री केंद्रीय बजट 2024-25 से निराशा जताते हुए नजर आए और उन्होंने केंद्र सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।

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Punjab News: बीते दिन मंगलवार को बजट 2024-25 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया गया लेकिन इससे पंजाब के वित्त मंत्री खफा नजर आए और उन्होंने नाराज़गी जताते हुए इस पर कई सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि इस बजट में महिलाओं, गरीबों और किसानों की चिंता को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया और इसमें पंजाब के लिए कुछ भी फायदेमंद नहीं रहा। उन्होंने कहा जैसा कि बिहार, आंध्र प्रदेश को फाइनेंशियल पैकेज मिले लेकिन पंजाब को कुछ भी नहीं मिला और इसे पूरी तरह से नजरअंदर किया गया है। आइए जानते हैं क्या कह रहे हैं हरपाल सिंह चीमा।

किसानों को नहीं मिला फ़ायदा

2024 25 में उर्वरक सब्सिडी में कटौती को लेकर हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि खतरनाक परिणाम देखने को मिलेंगे और इसकी वजह से न केवल देश के किसान बल्कि पंजाब की अर्थव्यवस्था पर भी काफी गहरा प्रभाव पड़ने वाला है क्योंकि यह एक कृषि महत्वपूर्ण क्षेत्र है। केंद्र सरकार का यह कदम वाकई चिंता जनक है। एक तरफ केंद्र सरकार किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देने और उनकी आय को दुगना करने का दावा कर रही है लेकिन सच तो यह है कि यह बजट किसानों के लिए कोई भी फायदा नहीं दे रहा है। यह किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने में भी सफल रहा है।

पंजाब को भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा

पंजाब के वित्त मंत्री यही नहीं रुके और उन्होंने कहा कि पंजाब को एक बार फिर केंद्र सरकार द्वारा भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा है क्योंकि केंद्र की तरफ से पंजाब को कुछ भी नहीं प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को वित्तीय पैकेज मिले लेकिन पंजाब को इससे भी वंचित रखा गया। यहां के किसानों को कई जरूरतें थी और पंजाब में बाढ़ के संभावना के बावजूद सिंचाई परियोजना या किसी भी चीज पर ध्यान नहीं दिया गया।

बजट की वजह से राज्य पर पड़ेगा असर

वित्त मंत्री का कहना है कि पंजाब को लेकर यह भेदभाव और व्यवहार क्षेत्रीय असंतुलन को और खड़ा कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह बजट पूर्वी क्षेत्र का पक्षधर है और गरीब विरोधी है क्योंकि आम आदमी को टैक्स से राहत नहीं मिलने वाला है और मामूली राहत भी आलोचनात्मक है। बजट में आम आदमी के स्वास्थ्य मुद्दे को भी नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि बजट में वित्तीय सहायता न देने की वजह से कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में इसका असर देखने को मिलेगा।

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