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Punjab News: पराली जलाने को लेकर पंजाब के मंत्री Dr Balbir Singh ने दी प्रतिक्रिया, कहा ‘सबसे पहले किसान प्रभावित..’, जानें डिटेल

Punjab News: एक बार फिर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले में बढ़ोतरी हुई है। इसी बीच पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री Dr Balbir Singh ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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Dr Balbir Singh

Punjab News: राजधानी दिल्ली में पढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में आ गई है। हालांकि दिल्ली सरकार द्वारा आज से GRAP-2 लागू कर दिया गया है। वहीं सरकार द्वारा इसे लेकर सभी जरूरी कदम उठाएं जा रहे है। (Punjab News) इसी बीच पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने पंजाब में पराली जलाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। गौरतलब है कि पंजाब में पराली जलाने के मामले में काफी कमी आई है।

पराली जलाने पर मंत्री Dr Balbir Singh ने क्या कहा?

मीडिया से बात करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री Dr Balbir Singh ने कहा कि वायु प्रदूषण “दिल्ली की ओर जाता है या नहीं, यह बहस का विषय है। लेकिन पराली जलाने वाला किसान सबसे पहले प्रभावित होता है।

अगर कोई किसान खेत में पराली जलाता है तो सबसे पहले उसके बच्चे, परिवार, माता-पिता प्रभावित होते है। यह तो जिंदगी का सवाल है। अगर कोई किसान पराली जलाता है तो सबसे पहले जहरीली धुआं उनके फेफड़ों में जाता है”।

पराली जलाने को लेकर पंजाब पुलिस सख्त

गौरतलब है कि पंजाब में लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे है, हालांकि पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। (Punjab News) इसी बीच पंजाब पुलिस भी एक्शन मोड़ में नजर आ रही है। पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जा रही है, वहीं कई किसानों पर जुर्माना लगाया जा रहा है (Punjab News)।

बढ़ते प्रदूषण को लेकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दी प्रतिक्रिया

पराली जलाने और प्रदूषण के मुद्दों पर न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि “जब भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है तो पंजाब और हरियाणा को दोषी ठहराया जाता है। दिल्ली में प्रदूषण का बोझ पहले से ही बहुत ज्यादा है. जैसे ही पराली जलाने के परिणामस्वरूप अतिरिक्त भार पड़ता है, दिल्ली गैस चैंबर बन जाती है।

किसानों को पराली जलाने से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जो बुनियादी कदम उठाए जाने की जरूरत है, दुर्भाग्य से, पिछले 10 वर्षों में ऐसा नहीं किया गया है। (Punjab News) जब तक छोटे किसानों को मौद्रिक लाभ नहीं दिया जाता, तब तक उनकी जोत के आकार को देखते हुए, किसी अन्य चीज़ पर स्विच करने का प्रयास करना उनके लिए व्यवहार्य नहीं है”।

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