Punjab News: पंजाब के हरिके वेटलैंड में अब तक लगभग 40000 से 50000 प्रवासी पक्षियों के आने का अनुमान है। सर्दियों के मौसम की शुरूआत में देरी के कारण इस बार प्रवासी पक्षियों का आगमन देर से हुआ। आपको बता दें कि हरिके वेटलैंड जो उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड है। पंजाब के तरनतारन, फिरोजपुर और कपूरथला जिलों में 86 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है।
40000 से 50000 प्रवासी पक्षियों के आने की संभावना
खबरों के मुताबिक अभी तक 40000 से 50000 प्रवासी पक्षियों के आने का अनुमान है। हर साल सर्दियों के मौसम में साइबेरिया, मंगोलिया, उज्बेकिस्तान, रूस और दुनिया के अन्य हिस्सों सहित विभिन्न देशों से लगभग 90 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी हर साल सर्दियों में अपने मूल स्थानों पर जल निकायों के जमने के बाद हरिके वेटलैंड में पहुंचते हैं। यह सर्दियों के मौसम में प्रवासी जल पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों के आवास के रूप में कार्य करता है। वहीं यह आर्द्रभूमि सतलज और ब्यास नदियों के संगम पर स्थित है। हरिके में आने वाले पंखदार पक्षी मार्च और अप्रैल तक रहते है।
सर्दी की देरी के कारण देर से हुआ आगमन
विभिन्न प्रवासी पक्षी आमतौर पर सितंबर में आना शुरू हो जाते हैं। हालांकि इस सीज़न में नवंबर में देरी से आगमन देखा गया, उन्होंने देरी के लिए सर्दियों के मौसम की देर से शुरुआत को जिम्मेदार ठहराया। वर्ल्ड वाइल्ड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) इंडिया की समन्वयक गीतांजलि कंवर ने कहा कि प्रवासी पक्षियों के आगमन की सही संख्या इस महीने जल पक्षियों की जनगणना के बाद पता चलेगी।। आने वाले दिनों में संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि हरिके वेटलैंड में ग्रेलैग गीज़, कूट्स, गैडवॉल, नॉर्दर्न पिंटेल, कॉमन टील, कॉमन पोचार्ड, नॉर्दर्न शॉवलर, गॉडविट्स, रेडशैंक, स्पूनबिल्स और पेंटेड स्टॉर्क जैसी प्रजातियां आ चुकी हैं।
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