Saragarhi Day 2024: पंजाब के साथ देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले सिखों व अन्य सभी समुदाय के लोगों हेतु आज का दिन बेहद खास है। दरअसल आज ‘सारागढ़ी दिवस’ है जो हमें सिख सैनिकों के अतुल्य पराक्रम की याद दिलाता है ताकि हम अपने ‘सिख’ वीरों के पराक्रम पर गर्व महसूस कर सकें।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने Saragarhi Day 2024 के अवसर पर 36वीं सिख रेजिमेंट के सभी 21 वीर योद्धाओं की शहादत को नमन करते हुए अहम संदेश जारी किया है। सीएम मान (CM Bhagwant Mann) की ओर से स्पष्ट किया गया है कि आज का दिन हमारे लिए बेहद खास है क्योंकि ये दिवस सारागढ़ी युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों की शहादत और उनके पराक्रम की याद दिलाता है।
Saragarhi Day 2024 पर CM Mann की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज Saragarhi Day 2024 के अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा है कि “सारागढ़ी दिवस के अवसर पर हम 36वीं सिख रेजिमेंट के 21 वीर योद्धाओं की शहादत को नमन करते हैं, जिन्होंने सारागढ़ी की लड़ाई में घुटने टेकने के बजाय 10 हजार पठानों से लड़ते हुए शहादत पाई।”
सारागढ़ी दिवस का इतिहास
सारागढ़ी दिवस की वर्षी इतिहास की एक प्रमुख घटना सारागढ़ी युद्ध को लेकर मनाई जाती है। ऐतिहासिक किताबों में दर्ज जानकारी के मुताबिक सारागढ़ी का युद्ध सन 1897 में लड़ा गया था जब नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर स्टेट में 12000 अफगान आक्रांताओं ने सारागढ़ी प्रांत पर भीषण हमला कर दिया था। हमलावर गुलिस्तान और लोखार्ट के किलों पर कब्जा करना चाहते थे जिन्हें महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था। इन्हीं किलों के निकट ही एक सुरक्षा चौकी थी जिसमें 36 सिख रेजिमेंट के 21 जवान तैनात थे।
सारागढ़ी में स्थित सुरक्षा चौकी में तैनात 36 सिख रेजिमेंट के 21 केशधारी सिख जवानों ने हवलदार इशर सिंह ने नेतृत्व में आक्रमणकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बजाय मजबूती से युद्ध लड़ा और अंततोगत्वा सभी 21 रणबांकुरे वीरगति को प्राप्त कर गए। जानकारी के मुताबिक 21 सिख सरदारों ने हजारों की संख्या में आए अफगानियों को पानी पिला दिया और उनके 1600 से ज्यादा आक्रान्ताओं को मार गिराया। 36 सिख रेजिमेंट के 21 केशधारी सिखों की शहादत की स्मृति के लिए ही प्रत्येक वर्ष 12 सितंबर को सारागढ़ी दिवस मनाया जाता है।