Sukhbir Badal: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल का नाम आज सुर्खियों में है। इसकी खास वजह है अकाल तख्त का एक फैसला। दरअसल, अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तनखैया (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित करते हुए एक बड़ी रेखा खींच दी है। अकाल तख्त (Akal Takht) की ओर से सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) समेत अन्य 17 लोगों को धार्मिक सजा सुनाई गई है। इसके तहत सभी आरोपियों को गुरुद्वारा पहुंचकर बर्तन साफ करने हैं और शौचालयों की सफाई भी करनी है। बता दें कि सुखबीर बादल पर आरोप है कि उन्होंने अकाली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहते हुए गुरमीत राम रहीम सिंह को कानून से राहत दिलाने में मदद की थी।
पूर्व डिप्टी सीएम Sukhbir Badal की धार्मिक सजा शुरू
अकाल तख्त द्वारा सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) समेत सभी 17 लोगों को सुनाई गई धार्मिक सजा की शुरुआत आज हो गई है। इसके तहत शिरोमणि अकाली दल (SAD) चीफ और अन्य कई नेता अमृतसर (Amritsar) में स्थित स्वर्ण मंदिर पहुंचे। स्वर्ण मंदिर में पहुंचे सुखबीर बादल ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उनके गले में तख्ती और हाथ में बरछा था। बता दें कि सुखबीर बादल को गुरुद्वारा में बर्तन धुलने की सजा मिली है।
शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेताओं ने शुरू की साफ-सफाई
सुखबीर बादल के साथ अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर पहुंचे शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेताओं ने साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया है। SAD नेता दलजीत सिंह चीमा, बिक्रम सिंह मजीठिया और महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने धार्मिक सजा के अनुसार स्वर्ण मंदिर में शौचालय साफ किए हैं। इसके अलाव अन्य कई नेताओं ने बर्तन धुलने का काम भी किया ताकि धार्मिक सजा का पालन हो सके।
Sukhbir Badal को इन कारणों से मिली सजा
पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) को कई कारणों से अकाली तख्त ने तनखैया घोषित किया और सजा सुनाया। उन पर राम रहीम के खिलाफ मामला वापस लेने के आरोप लगे। इसके अलावा सुखबीर बादल पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर डेरा मुखिया को माफी दिलवाने की बात कही गई। 12 अक्टूबर 2015 के दिन बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इस मामले में भी तत्कालीन सरकार ने न्याय नहीं किया। वहीं फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने वाले सुमेध सैनी को डीजीपी बनाने के लिए भी अकाली तख्त ने सुखबीर बादल को दोषी माना है।