Teachers Day 2024: भारत के लगभग सभी राज्यों में आज शिक्षक दिवस बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है। इस खास दिन पर शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों को विशेष सम्मान देने का काम किया जाता है और समाज के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया जाता है। शिक्षक दिवस के इस खास अवसर पर देश के अलग-अलग राज्यों से शिक्षकों के नाम शुभकामना संदेश जारी किए जा रहे हैं। (Teachers Day 2024)
पंजाब की ओर से भी मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Mann) ने आज इस खास दिवस पर शिक्षकों के नाम बधाई-शुभकामना संदेश जारी किए हैं। सीएम मान के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “शिक्षक समाज के वो शिल्पकार हैं जो भविष्य के प्रतिभाशाली बच्चों को आकार देने का काम करते हैं।”
CM Bhagwant Mann का खास संदेश
शिक्षक दिवस के खास अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Mann) ने सभी शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए खास संदेश जारी किए हैं।
सीएम मान के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “शिक्षक समाज के शिल्पकार हैं जो भविष्य के प्रतिभाशाली बच्चों को आकार देने का काम करते हैं। शिक्षक एक सफल राष्ट्र का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। आज शिक्षक दिवस के अवसर पर हम देश के सभी मेहनती शिक्षकों को हार्दिक बधाई देते हैं और सभी के स्वास्थ्य और सुरक्षा की कामना करता हैं।” शिक्ष दिवस के अवसर पर सीएम मान द्वारा जारी किए गए इस खास संदेश को लेकर अब खूब सुर्खियां बन रही हैं।
CM Mann को आई अपने पिता की याद
शिक्षक दिवस के अवसर पर ही मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अपने पिता स्व. मास्टर महिंदर सिंह को भी याद किया है। सीएम मान के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “स्व. मास्टर महिंदर सिंह जी, जो मेरे पिता थे और मेरे विज्ञान और गणित के शिक्षक भी थे। मैं शिक्षक दिवस के इस अवसर पर उन्हें और पंजाब के सभी शिक्षकों को नमन करता हूं।”
क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?
भारत के साथ दुनिया के कुछ देशों में आज यानी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। ये खास दिवस प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। दरअसल 5 सितंबर 1888 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था जो कि आगे चलकर 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने असंख्य छात्रों को शिक्षा दी थी जिसके बाद उनके छात्र इस दिन को विशेष रूप से मनाने की इजाजत चाहते थे। ऐसे में डॉ. राधाकृष्णन की ओर से सुझाव आया कि इसे विशेष रूप में मनाने की बजाय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए और शिक्षकों के योगदान को याद कर उनका सम्मान किया जाए। इसके बाद से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।