Rahul Gandhi Disqualified: सूरत सेशन कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मामले में दो साल की सजा सुनाई है। इसके बाद राहुल गांधी की सदस्यता रद्द हो गई है। शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय की ओर से इसको लेकर एक नोटिफेकशन भी जारी किया गया था।
कानून का ये प्रावधान खत्म करने की मांग
वहीं, सदस्यता खत्म करने के प्रावधान के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। केरल निवासी आभा मुरलीधरन ने राहुल गांधी के मामले का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। याचिका में महिला ने मांग की है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) को असंवैधानिक करार दिया जाए।
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वायनाड से सांसद थे राहुल गांधी (Rahul Gandhi Disqualified)
गौर हो कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट से सांसद थे। शुक्रवार को कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय की ओर से एक अधिसूचना भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि राहुल गांधी की अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च 2023 से ही प्रभावी होगा। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी को संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।
क्या है जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951?
बता दें, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत दो साल या उससे अधिक समय के लिए सजा पाने वाले व्यक्ति को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। यह अयोग्यता दोष सिद्धि की तारीख से ही होता है। साथ ही सजा पूरी होने के बाद 6 साल तक जन प्रतिनिधि बनने के लिए अयोग्य ही रहता है। इससे साफ है कि अगर सजा का फैसला बरकरार रहता है तो वह व्यक्ति 8 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकता है।