Rahul Gandhi : कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस दिनों सुर्खियों में है। ऐसे में उन्होंने शनिवार को अडानी मुद्दे को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला किया है। इस बार उन्होंने पीएम मोदी से अडानी के कथित बेनामी संपत्ति को लेकर सवाल खड़ा किया है। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि “अडानी की कंपनियों में ₹20,000 करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं?” इस दौरान पूर्व सांसद राहुल गांधी अपने कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं पर भी निशाना साधा है।
अडानी के नाम की स्पेलिंग से साधा निशाना
राहुल गांधी ने आज पीएम मोदी से सावल करने के साथ – साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं पर वार किया है। उन्होंने बीजेपी में शामिल हुए नेताओं पर तंज कसने के लिए एक अडानी के नाम का प्रयोग किया है। उन्होंने अपने उस ट्वीट में ही एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में अडानी अंग्रेजी में लिखा हुआ दिखाई दे रहा है। पूर्व सांसद राहुल गांधी ने इस स्पेलिंग में ऐसे नेताओं के नामों को जोड़ा है जिन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया है।
ट्विट में इन नेताओं के नाम का है जिक्र
सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज़ भटकाते हैं!
सवाल वही है – अडानी की कंपनियों में ₹20,000 करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं? pic.twitter.com/AiL1iYPjcx
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 8, 2023
पूर्व सांसद राहुल गांधी ने आज जो ट्विट किया है उसमें अडानी का नाम है। इस नाम के पहले अक्षर को A को लेकर उन्होंने गुलाम नबी आजाद का नाम जोड़ा है। वहीं D वर्ड के साथ में उन्होंने सिंधिया का नाम जोड़ा है। इसके साथ ही अगले अक्षर A के साथ किरण रेड्डी और N के साथ हिमंत विस्वा शर्मा का नाम है। वहीं आई के साथ में अभी जल्द ही बीजेपी में शामिल हुए अनिल एंटनी का नाम दिखाई दे रहा है।
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अडानी मुद्दे को लेकर शरद पवार ने साधा निशाना
पूर्व संसद राहुल गांधी एक तरह जहां अडानी के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कस्ते हुए दिखाई दे रहे हैं वहीं उनके महाराष्ट्र में सहयोगी दल के नेता शरद पावर ने अलग तरह की राय को पेश किया है। उन्होंने एक निजी न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा है कि ” ऐसा लग रहा है की जैसे अडानी को टारगेट किया जा रहा हो।’ वहीं हिंडनबर्ग के मुद्दे को लेकर भी उन्होंने अपनी राय जाहिर की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पावर ने बताया कि जब कोई भी विदेशी संस्था इस तरह का रिपोर्ट पेश करती है तो कई सारी चीजों को देखना होता है आखिर वह संस्था इस तरह का रिपोर्ट क्यों पेश कर रही है और इसके पेश होने के पीछे की वजह क्या है।
देश के लोग ऐसे मुद्दे को लेकर सड़क पर उतर आते हैं और इसका खामियाजा देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ती है। उन्होंने जेपीसी की मांग वाले मुद्दे को खुद से अलग कर लिया है। इसको लेकर कांग्रेस ने उनकी काफी आलोचना की थी जिसपर उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा कि वह मैंने इसको खुद से अलग इसलिए किया है क्योंकि इसमें बनने वाले सदस्यों की 21 टीम मेम्बरों में 15 सत्ता पक्ष के ही होंगे। अगर ऐसा हुआ तो सच्चाई का पता नहीं लग पाएगा।
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