Rajasthan News: आधुनिक युग में बढ़ते तकनीक से आसानी होने के साथ लोगों के लिए मुश्किलें भी बढ़ी हैं। इसमें प्रमुख रुप से सोशल मीडिया पर किया जा रहा ट्रोल भी एक कारण अहम है। बता दें कि सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के कई सारे माध्यम हैं। इसमें किसी की शर्मनाक तस्वीरें या वीडियो पोस्ट करना या उस संबंध में झूठ फैलाना भी शामिल है। इसके साथ ही किसी को धमकी भरे संदेश भेजना या अनरगल किसी को अपमानजनक बाते कहना भी ट्रोलिंग का ही हिस्सा है। राजस्थान पुलिस ने इससे निपटने के लिए एक खास मुहिम चलाई है जिसके तहत साइबर ट्रोलर पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। इसके लिए व्यक्ति को टोल फ्री नंबर 1930 पर साइबर ट्रोलिंग से जुड़ी शिकायत करनी होगी जिसके बाद से ट्रोलर को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
राजस्थान पुलिस ने दी जानकारी
राजस्थान पुलिस ने सोशल मीडिया ट्रोलर से निपटने के लिए शानदार तरकीब अपनाई है। पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से जानकारी दी है की सोशल ट्रोलिंग करके किसी को बदनाम करना अपराध है। अगर इससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचता है तो मानहानी के तहत मामला दर्ज कराया जा सकेगा वहीं इसके अलावा राजस्थान पुलिस द्वारा ये जानकारी भी दी गयी है कि इस अपराध के लिए सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।
राजस्थान पुलिस ने इस संबंध में एक टोल फ्री नंबर जारी कर सोशल मीडिया के ट्रोलर को नियंत्रण में रखने की बात कही है। प्रशासन का कहना है कि साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल कर इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके बाद से आरोपी पर कार्यवाही की जाएगी।
इस नियम के तहत होगी कार्रवाई
भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) में साइबर बुलिंग (ट्रोलिंग) करने वालों के लिए सजा का प्रावधान है। इसके तहत महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा डिजिटल शोषण के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है। नियम के अनुसार महिलाओं व बच्चों के साथ साइबर ट्रोलिंग करने पर 354ए और 354डी की धारा के तहत कार्रवाई हो सकेगी। महिलाओं का साइबर-पीछा करना, उन्हें अमर्यादित मैसेज भेजना व अन्य ट्रोलिंग अपराध की श्रेणी में आता है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान भी है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।