Rajasthan Election: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election 2023) होने हैं। जिसको लेकर सभी पार्टियां अभी से एक्टिव हो गई हैं। कांग्रेस की बात करें तो CM अशोक गहलोत ने भी रस्सा कस्सी शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो चुनाव से 2 महीने पहले ही पार्टी टिकट फाइनल करने की तैयारी है। ऐसे में कई बड़े और दिग्गज नेताओं के टिकट भी कट सकते हैं।
अगर ऐसा होता है कि ये उन नेताओं के लिए परेशानी वाली बात है जो पिछले कुछ महीनों से सरकार पर हमलावर थे। इसका एक उदाहरण रविवार (2 जुलाई) को देखने को मिला। जब गहलोत सरकार के एक मंत्री ने AIMIM (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) चीफ असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की। इस मुलाकात के कई मायने हैं।
‘सियासी मुलाकात थी, जल्द दिखेंगे परिणाम’
दरअसल, रविवार को गहलोत सरकार में राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने ओवैसी से गुप्त मुलाकात की। गुप्त इसलिए क्योंकि इस मुलाकात की जानकारी किसी को नहीं थी और न ही मुलाकात के बाद कोई बयान जारी किया गया है। इस मुलाकात के कई मायने हो सकते हैं। टिकट कटने के डर का फायदा उठाकर ओवैसी की पार्टी खेला भी कर सकती है। ऐसे में इस मुलाकात को खास माना जा रहा है। दोनों के बीच हुई मुलाकात के बाद एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि ये एक सियासी मुलाकात थी, जिसके परिणाम जल्द दिख जाएंगे।
राजस्थान में सहारा बनेंगे ओवैसी
बता दें कि राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा अब तक दो बार विधायक बन चुके हैं। वह अपना पहला चुनाव हार गए थे। जिसके बाद हार को जीत में बदलने के लिए उन्होंने BSP का दामन थाम लिया था। लेकिन, BSP से दूसरी बार जीत दर्ज करने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। जहां उन्हें स्वतंत्र प्रभार मंत्री का दायित्व दिया गया है। BSP से बगावत करने पर अब उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है और न ही कांग्रेस से बात बन रही है। ऐसे में वे ओवैसी की पार्टी की ओर देख रहे हैं।
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