CM Ashok Gehlot Birthday: राजस्थान की राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज यानी 3 मई को अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। करीब 5 दशक से गहलोत ने राजस्थान की राजनीति को बहुत ही करीब से देखा है और तीन बार प्रदेश का नेतृत्व भी किया है। अब तक के राजनीतिक काल में गहलोत को राजनीति का जादूगर, मार्कदर्शक, मारवाड़ के गांधी सहित कई उपनाम मिले। कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में जब राहुल गांधी की लॉन्चिंग हुई थी तो इस दौरान गहलोत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे कांग्रेस में गांधी परिवार के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं।
राजनीति के एक मंझे हुए खिलाड़ी
अशोक गहलोत राजस्थान की तीसरी बार कमान संभाल रहे हैं और वे राजनीति के एक मंझे हुए खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता से आम से लेकर खास तक को हैरान किया है। हम राजस्थान की राजनीति की बात करें या फिर दिल्ली के सियासी गलियारों की, गहलोत की राजनीतिक जादूगरी के कई किस्से मशहूर हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि अपने विरोधियों को राजनीति से ठिकाने लगाने में उन्होंने महारथ हासिल की हुई है।
गहलोत तीसरी बार संभाल रहे राजस्थान की कमान
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राजस्थान में गैर कांग्रेसी सरकार को हटाने के बाद चुनाव में एक विशाल जीत दर्ज कर प्रदेश में कांग्रेस को स्थापित करने का काम अशोक गहलोत ने किया था। साल 1998 में राजस्थान में जब विधानसभा चुनाव हुआ तो वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस ने राजस्थान में 156 सीटों पर जीत दर्ज की थी। विधानसभा चुनाव से पहले बतौर प्रदेश अध्यक्ष गहलोत ने संगठन को मजबूत किया था और जिला स्तर तक पार्टी कार्यकर्ताओं की एक फौज तैयार की थी।
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राजस्थान का राजनीति नहीं रही आसान
अशोक गहलोत के लिए राजस्थान की राजनीति कभी भी आसान नहीं रही। उन्हें कई बार अपने विरोधियों से जूझना पड़ा है और हर बार उनका जलवा बरकरार रहा है। उनके सियासी सफर की बात करें तो महज 34 साल की उम्र में उन्हें राजस्थान कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया गया था। साल 1980 में अशोक गहलोत पहली बार जोधपुर से सांसद चुने गए थे। इसके बाद साल 1984 में भी उन्होंने जोधपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी।
सरदारपुरा विधानसभा उपचुनाव के जरिए राजस्थान में एंट्री
राजनीतिक जानकारों की मानें तो साल 1991 से 1996, साल 1996 से 1998 में गहलोत ने लोकसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया था। इसी बीच कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत को चूरू की सरदारपुरा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के जरिए प्रदेश की राजनीति में एंट्री दी। इसके बाद साल 2003 से लेकर साल 2018 के चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की है। उन्होंने अब तक तीन बार साल 1998, 2008 और 2018 में राजस्थान का नेतृत्व किया है। वहीं, साल 2018 में ही गहलोत ने राहुल गांधी की टीम में भी बतौर महासचिव काम किया है। गहलोत एक ऐसे नेता हैं जिन्हें तीन बार केंद्रीय मंत्री के तौर पर 3 प्रधानमंत्री के साथ काम करने का मौका मिला। इनमें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव शामिल हैं।