CM Ashok Gehlot: कोचिंग फैक्ट्री कहे जाने वाले कोटा में लगातार बढ़ रहे सुसाइड के मामलों (Kota Suicide case) पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे एक देशव्यापी समस्या बताया है। उन्होंने कहा कि ये बड़े ही दुख की बात है की बच्चे आत्महत्या जैसा इतना बड़ा कदम उठा रहे हैं। कोटा में लगातार ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को इसकी रोकथाम के लिए एक कमेटी बनाने के निर्देश भी दिए।
आत्महत्या की रोकथाम के लिए बनेगी कमेटी
उन्होंने कहा कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने और इस पर सुझाव देने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जो 15 दिनों के अंदर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपगी। इस कमेटी में अभिभावक, डॉक्टर, कोचिंग संस्थानों के सदस्य, अधिकारियों सहित कई अन्य हितधारक शामिल होंगे।
ये कमेटी IIT और NEET जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के बीच जाकर उनसे बात करेगी। छात्रों को पेश आ रही समस्याओं का अध्ययन करने के बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
‘पढ़ाई का अतिरिक्त बोझ सही नहीं’
इस दौरान उन्होंने छात्रों पर पढ़ाई के बोझ का भी जिक्र किया और कोचिंग संस्थानों की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने कहा कि स्थिति अब बेकाबू हो चुकी है। इसे बदलने का समय आ गया है। हम छात्रों को इस तरह मरते नहीं देख सकते। ये हमारे देश का भविष्य हैं। हमें इन्हें मजबूत करना है, इन पर बोझ नहीं डालना।
उन्होंने कहा कि छात्रों पर पढ़ाई का अतिरिक्त बोझ डालना किसी अपराध से कम नहीं है। कोचिंग संस्थानों के साथ-साथ अभिभावक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।
‘सबसे बड़े अपराधी हैं आप’
CM Ashok Gehlot ने कोचिंग संस्थानों को फटकार लगाते हुए कहा कि यहां पढ़ाई के नाम पर खेल हो रहा है। यहां सबसे बड़े अपराधी आप हैं। 9वीं-10वीं के छात्रों को यहां बुलाकर उनका ‘डमी’ नामांकन करवा दिया जाता है, जिस वजह से वह स्कूल नहीं जा पाते। इसके बाद उन पर बोर्ड परीक्षा को पास करने के साथ-साथ प्रवेश परीक्षा का भी प्रेशर बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि छात्रों की यह समस्या बहुत बड़ी है। हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
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