Rajasthan: राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों का समय नजदीक आता जा रहा है। राजस्थान की सरकार राज्य के सभी वर्गों को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इसी कढ़ी में पुजारियों के लिए गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने एक बड़ी खुशखबरी दे दी है। फिर से उनके मानदेय में वृद्धि की है। सरकार ने राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार मंदिरों के अंशकालीन पुजारियों के मानदेय में बढ़ोतरी करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं मंदिरों के रेनोवेशन कराने के लिए भी करोड़ों रूपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
जानें क्या है मंदिरों और पुजारियों के प्रस्ताव
सीएम गहलोत (CM Gehlot)ने राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार मंदिरों के अंशकालीन पुजारियों के मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव स्वीकार कर लिए गए हैं। नई मंजूरी के बाद पुजारियों को 5000 रुपए मानदेय प्रदान किया जाएगा। इससे पहले पुजारियों को राज्य सरकार की ओर से 3000 रुपए भुगतान किए जा रहे थे। सीएम का इस मंजूरी के बाद कहना था कि इस बढ़ोतरी से पुजारी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। इसके साथ ही राजस्थान देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों को सरकार की तरफ से 5.93 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मंजूर कर दिए गए। यह राशि 593 मंदिरों के रंग रोगन, मरम्मत तथा उनके रेनोवेशन संबंधी कामों के लिए है। जिसमें 390 राजकीय प्रत्यक्ष प्रभाव वाले मंदिर तथा 203 राजकीय आत्मनिर्भर मंदिर हैं इस हिसाब से प्रति मंदिर 1 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है।
लंबे समय से हो रही थी मांग
राज्य सरकार के द्वारा बहुसंख्यक लोगों की आस्था को लेकर उपरोक्त मंदिरों के लिए कई तरह के मरम्मत के काम किए जाएंगे। इसके लिए सीएम गहलोत ने इस साल के बजट 2023-24 में पुजारियों और मंदिरों के लिए घोषणा की गई थी। पिछले कई माह से विभिन्न माध्यमों से मांग उठ रही थी। चुनाव से पहले सरकार किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है इसीलिए गहलोत सरकार लगातार ऐसे मुद्दों पर नजर रख रही है और बजट का आवंटन कर रही है।
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