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Rajasthan में इंटरनेट बंदी से जुड़ी याचिका पर सरकार को Supreme Court से राहत, होली बाद हो सकती है सुनवाई

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Rajasthan: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एक मामले में तुरंत सुनवाई करने से साफ मना कर होली के त्यौहार के बाद याचिका देखने को कहा है। जिसके मुताबिक राज्य के कुछ जिलों में राजस्थान सरकार ने इंटरनेट सुविधा बंद कर दी है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका डाली गई थी, जिसमें तुरंत सुनवाई की मांग की गई थी और कोर्ट ने यह कहते हुए मना कर दिया कि पीठ वकीलों की दलीलों से सहमत नहीं है।

जानें क्या है मामला

आपको बता दें राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पिछले कुछ सालों से लगातार पेपर लीक, नकल कराने के आरोपों में घिर चुकी है और इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के कारण राज्य सरकार अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। जिसके कारण ही इस समय आयोजित हो रही प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए राज्य के कुछ जिलों में गहलोत सरकार ने इंटरनेट की सेवा को बंद करा दिया है।

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जानें क्या है याचिका में

छाया रानी द्वारा दायर इस याचिका में वकील विशाल तिवारी ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के नाम पर इंटरनेट सेवा रोक देने से स्कूल के शिक्षकों और स्थानीय अदालतों के कामकाज पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है सरकार का यह आदेश यह दर्शाता है कि राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग दोनों ही अपनी जिम्मेदारी निभाने में अक्षम हैं। धोखाधड़ी और कदाचार की आशंका एकदम अस्पष्ट और मनमानी है। इस बात का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है जिससे इंटरनेट बंद कर देने से प्रतियोगी परीक्षाओं में धोखाधड़ी और कदाचार को रोकने में उद्देश्य हासिल होगा। इसके बजाय सरकार के इस फैसले से लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर असर पड़ा है और इससे राज्य के नागरिकों पर बहुत बुरा असर डाला है। अतः इस पर 3 मार्च को सुनवाई पर तत्काल जरुरत है।

होली के बाद होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और पी एस नरसिम्हा की पीठ ने साफ कहा कि ‘नहीं, हम शुक्रवार को इस पर सुनवाई नहीं करेंगे। हम इसे होली की छुट्टी के बाद रखेगें।

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