Rajasthan BJP Politics: राज्य चुनाव से ठीक 8 महीने पहले भाजपा ने राजस्थान में अपना पार्टी अध्यक्ष बदल कर सबको चौंका दिया। गुरुवार को जाट चेहरे सतीश पूनिया को बदलकर एक ब्राह्मण चेहरे चित्तौड़गढ़ से लोकसभा सांसद चंद्रप्रकाश जोशी पर दांव लगा दिया। अब इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि असम के राज्यपाल बन चुके गुलाबचंद कटारिया की जगह भरने का एक प्रयास भाजपा ने सीपी जोशी को लाकर किया है। बता दें 11 साल बाद राज्य को पार्टी ने ब्राह्मण अध्यक्ष पद दिया है।
जानें क्या है जोशी को लाने की वजह
राजस्थान में प्रदेश भाजपा ने चुनाव से ठीक 8 महीने पहले जाट चेहरे सतीश पूनिया को हटाकर एक ब्राह्मण चेहरे सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। भाजपा के इस अचानक राज्य को लेकर उठाए कदम के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। आखिर इस समय यह कदम क्यों उठाने की क्या वजह है? जब चुनाव सिर पर आ खड़े हैं। कई राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी जोशी को आगे करके अपने कोर वोटर ब्राह्मणों को पार्टी की तरफ बांधकर रखना चाहती है। दूसरी बात पिछले 11 सालों से इस पद पर कोई सवर्ण नेता की भागीदारी नहीं थी। दूसरी वजह राज्य की राजनीति में जो पकड़ गुलाबचंद कटारिया की थी, उस जगह को भरने का एक प्रयास भाजपा ने सीपी जोशी को लाकर किया गया है।
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जानें क्या है राजस्थान में जनसांख्यकीय स्थिति
बता दें प्रदेश भाजपा को राजस्थान में जनसंख्या आंकड़ो को देखकर यह फैसला लेना पड़ा है। राज्य में इस समय 89 फीसदी हिंदू जनसंख्या है जिसमें 18 फीसदी दलित,13 फीसदी आदिवासी तथा 7 फीसदी ब्राह्मणों की जनसंख्या है। बाकी 9 फीसदी मुस्लिम तथा 2 फीसदी अन्य हैं। इन आंकड़ों को देखते हुए बीजेपी ने ये दाव खेला है। ऐसे में 11 साल बाद ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाकर भाजपा सफलता पाती है या असफलता, ये चुनाव बाद समय बताएगा।
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