Rajasthan Forest Recruitment 2023: राजस्थान हाईकोर्ट की तरफ से बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। खबरों की मानें तो फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में महिलाओं की छाती मापने को लेकर राजस्थान की हाई कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस मामले पर उच्च न्यायालय ने अधिकारियों की संवेदनशीलता को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।
बहरहाल भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ऐसे में माननीय उच्च न्यायालय ने भर्ती प्रक्रिया पर ज्यादा हस्तक्षेप नहीं किया है। वहीं खबरों की मानें तो महिला याचिकाकर्ताओं के याचिका को खारिज भी कर दिया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
क्या है पूरा मामला?
दरअसल सारा मामला राजस्थान में हुए फॉरेस्ट गार्ड भर्ती को लेकर है। बताया जा रहा है यहां कुछ महिला अभ्यर्थियों ने शारीरिक मापदंड को लेकर भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। ऐसे में उन्होंने अपनी याचिका में कहा था, कि उन्हें छाती की माप में खरा न होने के कारण भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था, जबकि उन्होंने सभी प्रकार की शारीरिक दक्षता को पूरा कर लिया था। ऐसे में तब उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
माननीय उच्च न्यायालय ने छाती मापने को लेकर कही बड़ी बात
इस मामले को लेकर जस्टिस दिनेश मेहता की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि “किसी भी महिला की ताकत का अंदाजा उसकी छाती से नहीं लगाया जा सकता। यह न सिर्फ वैज्ञानिकी नजरिए से गलत है, बल्कि अशोभनीय भी है। इस मामले पर आगे कोर्ट ने कहा भारतीय संविधान के अनुच्छेद (निजता के अधिकार) में इस संदर्भ में अधोलिखित है। ऐसा नहीं करना चाहिए था। यह महिलाओं की गरिमा और मानसिकता की अखंडता पर एक गहरा प्रहार है।”
ऐसे में कोर्ट ने नियमों को लेकर राजस्थान सरकार के सचिव को फिर से विचार करने के लिए कहा है। बहरहाल भर्ती प्रक्रिया कंप्लीट हो चुकी है। वहीं कोर्ट ने अब बड़ा फैसला सुनते हुए महिला याचिकाकर्ताओं की याचिका को ख़ारिज कर दिया है।
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