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Rajasthan News: राजस्थान में तपती धूप व लू को लेकर अलर्ट, जानें क्या है स्वास्थ्य विभाग की तैयारी?

Rajasthan News: राजस्थान के कई हिस्सों में तपती धूप के साथ गर्मी में भी इजाफा देखने को मिल रहा है जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है।

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फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

Rajasthan News: राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में तपती धूप के साथ लू का कहर देखने को मिल रहा है। राज्य के ज्यादातर इलाको में औसतन तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है जिसको लेकर IMD की ओर से राज्य के कई जिलों में हीट वेव के कारण अलर्ट जारी किया गया है। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने भी बढ़ती गर्मी को लेकर चिंता व्यक्त की है।

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक की ओर से ये भी स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार ने हमें पहले ही सूचित किया था कि इस वर्ष तापमान के साथ गर्मी बढ़ेगी जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ये जानकारी भी सामने आई है कि इस चुनौती से निपटने के लिए भारी संख्या में चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है जिससे कि गर्मी की चपेट में आने वाले लोगों को बेहतर चिकित्सा दी जा सके।

तपती धूप व लू को लेकर अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से मौसम के बदलते मिजाज को लेकर पूर्वानुमान जारी किया गया है। मौसम विभाग ने आज मंगलवार को मौसम की ताजा स्थिति को देखते हुए राज्य के कई जिलों में हीट वेव व गर्मी को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसमे जयपुर, टोंक, अमजेर, जैसलमेर व बाड़मेर जैसे जिले शामिल हैं।

IMD की ओर से स्पष्ट किया गया है कि आज फिर एक बार राज्य के इन इलाको में आसतन पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है।

क्या है स्वास्थ्य विभाग की तैयारी?

राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पहले ही अलर्ट मोड पर है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने इस संबंध में स्पष्ट किया है कि “भारत सरकार ने हमें पहले ही सूचित किया था कि इस सत्र में गर्मी बढ़ेगी और तापमान में भी इजाफा हो सकेगा।”

स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारियों को लेकर कहा गया है कि “विभाग दिसंबर से ही चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित कर रहा है और भारत सरकार से अलर्ट मिलने के बाद, हमने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्च स्तरीय बैठक की और कार्य योजना बनाने का काम किया गया। इसके बाद विभाग ने लगभग 750 चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया और साथ ही मॉक ड्रिल भी की ताकि इस चुनौती से निपटा जा सके।

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