Rajasthan News: राजस्थान सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लगातार दुरुस्त करने के लिए प्रयासरत नजर आ रही है। सरकार की कोशिश है कि राज्य के ज्यादा से ज्यादा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए सीएम भजनलाल शर्मा की सरकार मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना व उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध करा रही है।
राजस्थान (Rajasthan News) सरकार के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस वित्तिय वर्ष में मई तक 16000 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई है। इसके लिए सरकार ने 17 करोड़ 60 लाख रुपये का व्यय किया है। राजस्थान सरकार का दावा है कि छात्रवृत्ति का माध्यम से ही राज्य के विभिन्न वर्गों से आने वाले छात्रों को शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
राजस्थान में दुरुस्त हो रही शिक्षा व्यवस्था
राजस्थान सरकार के प्रयासों से शिक्षा व्यवस्था दिन-प्रतिदिन दुरुस्त हो रही है। सीएम भजनलाल शर्मा के निर्देश पर राज्य के शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों को अलग-अलग स्ट्रीम में छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जा रहे है जिससे कि उनकी पढ़ाई जारी रह सके।
राज्य सरकार के आधिकारिक एक्स हैंडल से दी गई जानकारी के मुताबिक, विभिन्न वर्गों से आने वाले 16000 विद्यार्थियों को इस वित्तिय वर्ष में छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। सरकार का दावा है कि इस प्रयास से छात्रों को शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार का खास प्रयास
राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा को और बेहतर बनाने व राज्य के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग तरह की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना व उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का नाम अहम है।
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत राजस्थान सरकार वंचित वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति व गरीब वर्ग के छात्रों को 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दे रही है। सरकार का कहना है कि इससे शैक्षणिक प्रयासों में सहायता मिलेगी और शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो सकेगी। वहीं उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना भी शिक्षा के क्षेत्र में बेहद कारगर है और इसके तहत राज्य में राजकीय एवं निजी शैक्षिक संस्थान में नियमित रूप से अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को 15000 रुपये की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जा रही है।