Rajasthan News: राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में संचालित हो रहे सरकारी स्कूलों को लेकर गाइडलाइन जारी किया है। शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि राज्य के किसी भी हिस्से में खुले या झोंपड़ी में, पेड़ के नीचे या असुरक्षित स्थानों पर कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाए। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों से अपील की है कि वे विद्यालय हेतु वैकल्पिक सुरक्षित भवन की व्यवस्था करावें।
राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से ये भी निर्देश जारी हुए है कि सरकारी स्कूलों मे पेयजल व्यवस्था, शौचालयों में रनिंग वाटर की उपलब्धता, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई तथा मरम्मत कार्य को प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाए।
शिक्षा विभाग ने जारी किए अहम निर्देश
राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के विभिन्न हिस्सों में संचालित हो रहे सरकारी स्कूलों को लेकर अहम निर्देश जारी किए गए हैं। शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने असुरक्षित/जर्जर विद्यालय भवनो में संचालित हो रहे राजकीय विद्यालयों को लेकर शासन का पक्ष स्पष्ट किया है।
शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी भवन रहित राजकीय विद्यालयों के लिए संबंधित कलक्टर/राजस्व विभाग से तत्काल सम्पर्क कर आवश्यक भूमि आंवटित कराने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसके अलावा विभाग ने यू-डाईस डाटा 2022-23 के आधार पर भवन रहित विद्यालयों की सूची समस्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित कर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है।
शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट लहजे में कहा गया है कि भूमि आवंटन के अभाव में जब तक विद्यालय भवन का निर्माण नहीं हो तब तक विद्यालय हेतु वैकल्पिक सुरक्षित भवन की व्यवस्था कराई जाए। इसके साथ ही ये सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी खुले में, झोंपड़ी में, पेड़ के नीचे या असुरक्षित स्थान पर कक्षाओं का संचालन ना हो।
पेयजल के साथ इन सुविधाओं का रखें ध्यान
राजस्थान के शिक्षा विभाग ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सरकारी स्कूलों में पेयजल व्यवस्था के साथ शौचालयों में रनिंग वाटर की उपलब्धता, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई तथा मरम्मत कार्य का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा वर्षा मौसम के पहले ही छतों की सफाई, छतों के बन्द नालों की सफाई, बरसाती नालों के टूटे पाईपों की मरम्मत आदि का कार्य करा लें जिससे कि छतों पर पानी ना जमा हो।