Right to Health Bill: राजस्थान में पिछले 15 दिनों से अधिक समय से चल रहे चिकित्सकों की हड़ताल आज समाप्त हो गई। सरकार से वार्ता के बाद प्राइवेट डॉक्टर्स ने बुधवार से काम पर लौटने का ऐलान किया है। वहीं, एक धड़ा अभी भी हड़ताल जारी रखने की बात कर रहा है। सूत्रों की मानें तो चिकित्सकों और गहलोत सरकार के बीच कुल 8 मांगों पर सहमति बन गई है।
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इन 8 मांगों पर बनी सहमति (Right to Health Bill)
- Right to Health में 50 बेड क्षमता वाली मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल इस विधेयक से बाहर होंगे। साथ ही ऐसे निजी अस्पताल जिन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिल रहा है, वे भी इसमें शामिल नहीं होंगे।
- निजी मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर संचालित किए जाएंगे।
- ऐसे अस्पताल जो सरकार से रियायती कीमतों पर जमीन लेकर बनाए गए हैं, वे इसमें शामिल होंगे। साथ ही ट्रस्ट की ओर से संचालित अस्पताल भी इसमें शामिल होंगे।
- हड़ताल के दौरान जिन चिकित्सकों पर पुलिस केस या किसी भी प्रकार का मुकदमा हुआ है, वे रद्द किए जाएंगे।
- सिंगल विंड सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके जरिए अस्पतालों से जुड़े मामलों में अनुमति दी जाएगी।
- अग्निशमन एनओसी प्रत्येक 5 वर्ष में कंसीडर किया जाएगा।
- अगर भविष्य में किसी भी तरह के नियम बनाए जाएंगे तो इसमें IMA के 2 प्रतिनिधियों की मंजूरी ली जाएगी।
- कोटा मॉडल और सिंगल विंडो ग्रीवेंस सिस्टम लागू किया जाएगा।
सीएम गहलोत ने जताई खुशी
वहीं, इसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि- ‘मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी।’
मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है।
मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी।#RightToHealth
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 4, 2023