Student Suicide In Kota: शिक्षा की फैक्ट्री कहे जाने वाला राजस्थान के कोटा से बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है। बताया जा रहा है, यहां बच्चों की बढ़ती आत्महत्या को लेकर राजस्थान सरकार के तीन कैबिनेट मंत्रियों ने बड़ा बयान दिया है। यही नहीं उन्होंने इस मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर विचार करके एक पॉलिसी(कानून)लाना चाहिए, ताकि बच्चों की सुसाइड केस कम हो। कैबिनेट मंत्री ने एक निजी मीडिया चैनल से बात करते हुए कोचिंग सेंटर बैन करने की भी इच्छा जताई।
बच्चों की सुसाइड को लेकर मंत्रियों ने क्या बयान दिया
कोटा जहां शिक्षा की फ़ैक्ट्री के नाम से जाना जाता है, अब यहां बच्चों की बढ़ती आत्महत्या ने कोटा को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस मामले पर जब एक निजी चैनल ने राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी से सवाल किया तो उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बच्चों की सुसाइड को रोकने के लिए नई पॉलिसी लेकर आए।”
इसके अलावा राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सुसाइड मामले को लेकर कोचिंग संस्थानों के प्रति नाराजगी जताई। इस दौरान उन्होंने कहा जिन भी कोचिंग सस्थान में पढ़ने वाले छात्र आत्महत्या कर रहे हैं उस इंस्टिट्यूट पर कार्रवाई हो। वहीं इस मामले में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया, कि सुसाइड करना महापाप है। बच्चे यहां पर शिक्षा ग्रहण करने आते हैं, आत्महत्या करने नहीं। इस पर अब लगाम लगाने की जरूरत है।
राजस्थान के कोटा में बढ़ रहा है मौत (आत्महत्या) का आकंड़ा
पिछले 24 घंटों में 2 छात्रों ने राजस्थान के कोटा में सुसाइड किया है। ऐसे में देखा जाए तो बच्चों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। इस मामले पर दिल्ली महिला आयोग की तरफ से ट्वीट आया था। महिला आयोग का कहना था, कि “कोटा में कल 2 NEET छात्रों ने आत्महत्या कर ली। इस साल अब तक 22 बच्चे ज़िंदगी से जंग हार चुके हैं। बीते दिन देखा था आत्महत्या रोकने के लिए PG के पंखे बदलवाए जा रहे थे। ये हमारी शिक्षा व्यवस्था का हाल दिखाता है। ज़रूरत पंखा बदलने की नहीं, शिक्षा सिस्टम बदलने की है। बच्चों की मेंटल हेल्थ पे काम करना अनिवार्य है।”
बता दें कि मात्र 11 दिनों के भीतर कोटा में किसी नवयुवक की यह चौथी खुदकुशी है। इस वर्ष कोटा में 22 बच्चों ने आत्महत्या की है। जो कि देखा जाए तो इस लिहाज से पिछले 8 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है। वहीं पिछले साल कोटा में 29 छात्रों ने आत्महत्या की थी।
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