Saturday, November 2, 2024
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Vidhansabha Election 2023: अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस ने Rajasthan-MP में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, इनको मिली जिम्मेदारी

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कर्नाटक में कल विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। इसके साथ ही 4 राज्यों में उपचुनाव को लेकर भी वोटिंग होगी। यहां जानिए पूरा सियासी समीकरण।

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Rajasthan Vidhansabha Election 2023: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन(AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आज राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में उतरने की तैयारी शुरू कर दी। बाड़मेर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य के मुस्लिमों तथा एससी/एसटी वर्ग को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि मजहब के नाम पर इंसान की कीमत घटाई-बढ़ाई नहीं जा सकती।

Vidhansabha Election 2023: राजस्थान और मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए कांग्रेस ने दोनों राज्यों के चुनाव पर्यवेक्षकों की घोषणा कर दी है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में दोनों राज्यों के 4- 4 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। इस समय दोनों ही राज्य कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी से ग्रसित हैं, जहां राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के साथ सचिन पायलट के साथ टकराव चरम पर है तो एमपी में भी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गट का एक कोल्डवार है।

जानें किसको मिली है जिम्मेदारी

कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए चार पर्यवेक्षकों सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ काजी निजामुद्दीन, वीरेंद्र राठौड़ और राष्ट्रीय सचिव अमृता धवन को नियुक्त कर दिया है। तो वहीं मध्यप्रदेश के लिए पर्यवीक्षकों के तौर पर अर्जुन मोढवाडिया, प्रदीप टम्टा,कुलदीप राठौड़ तथा सुभाष चोपड़ा को चुनावी तैयारियों की गहन निगरानी रखने की जिम्मेदारी दी दी गई है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के प्रभारी जय प्रकाश अग्रवाल के साथ राष्ट्रीय सचिव शिव भाटिया तथा संजय दत्त को नियुक्त कर दिया गया है।

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दिग्विजय ने माना था संगठन कमजोर

बता दें कल पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजयसिंह एमपी के चार जिलों के दौरों पर थे , उन्होंने सीहोर में मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने से एमपी में संगठन कमजोर पड़ गया है। जैसा होना चाहिए वैसा नहीं है। पार्टी का चुनावी प्रबंध तंत्र संगठन की कमजोरी के कारण कमजोर है। इसलिए मतदान के दिन भी प्रबंधन की कमजोरी बाहर तब दिख जाती है, जब जनता चाहने के बाद भी वोट नहीं डाल पाती।

राजस्थान का हाल और बुरा

राजस्थान कांग्रेस का गृहयुद्ध चरम पर पहुंच गया है। जहां सीएम गहलोत ने प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मिलकर 17-20 अप्रैल 2023 तक विधायकों, प्रतिनिधियों से वन -टू-वन फीडबैक कार्यक्रम रखा था। तो अंतिम दिन आदिवासी विधायक रामप्रकाश मीणा की आत्महत्या का मुद्दा मुरारीलाल मीणा के द्वारा खुलकर पार्टी के खिलाफ खड़े ही जाने से नया संकट आ गया। इधर सचिन पायलट ने अपने संभाग के सत्र में अनुपस्थित होकर साफ संकेत दे दिए हैं। कि सबकुछ चुनाव को देखते हुए सही नहीं है।

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Hemant Vatsalya
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Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

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