Ram Mandir: यूपी के सरयू तट पर स्थित अयोध्या नगरी नित नए कीर्तिमान रच रही है। बीते दिन 22 जनवरी को अयोध्या में बड़े धूम-धाम के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन संपन्न हुआ। इस आयोजन के बाद राम मंदिर (Ram Mandir) को आज भक्तों के लिए खोल दिया गया है। इसके तहत अयोध्या नगरी में भक्तों का हूजूम देखने को मिला है और भारी संख्या में लोग प्रभु रामलला के दर्शन करने पहुंचे हैं।
अयोध्या (Ayodhya) नगरी में प्रभु रामलला के दर्शन करने वाले लोगों में खूब उत्साह और उमंग देखा जा सकता है। रामभक्तों द्वारा लगाए जा रहे जयकारे से अयोध्या की गलियां गूंज उठी हैं। इन सबको देखते हुए राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने भक्तों की कतार व उनके भक्ति भाव को लेकर कहा है कि अयोध्या नगरी ‘त्रेता युग’ के समय में चला गया है। बता दें कि त्रेता युग में ही भगवान राम का जन्म माना जाता है और इसे राम-युग की संज्ञा भी दी जाती है।
Ayodhya नगरी में भक्तों का हूजूम
अयोध्या नगरी (Ayodhya) में आज भक्तों का हूजूम देखने को मिला है। इसके तहत भारी संख्या में लोग रामलला के दर्शन करने पहुंचे हैं। भक्तों की भीड़ इतनी ज्यादा है कि उन्हें नियंत्रण में रख पाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। हालाकि प्रशासन की ओर से भक्तों की व्यवस्थित आवाजाही की निगरानी के लिए यूपी के प्रमुख सचिव, गृह, संजय प्रसाद और विशेष डीजी कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार भी मौके पर मौजूद हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एक समय पर भक्तों ने प्रशासन के सुरक्षा बेड़े को भी तोड़ दिया और मंदिर (Ram Mandir) परिसर में घूसने लगे।
हालाकि प्रशासन की ओर से तत्काल ही भीड़ पर नियंत्रण पाया गया और भक्तों के सुगम आवाजाही की व्यवस्था की गई।
Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा समारोह
अयोध्या में बीते दिन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राम मंदिर (Ram Mandir) प्राण प्रतिष्ठा का समारोह संपन्न हुआ। इसके बाद भारी संख्या में भक्तों का हूजूम प्रभु रामलला के दर्शन को आतुर है। भक्तों के अंदर इस उत्साह, उमंग और भक्ति भाव को देखकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या ‘त्रेता युग’ के समय में चला गया है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार त्रेता युग को 4 युगों में दूसरा युग माना जाता है।
आचार्य सत्येन्द्र दास ने ये भी कहा कि “प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या (Ayodhya) नगरी पवित्र हो गई है। त्रेता युग में जब भगवान राम वापस आए तो अयोध्या नगरी निहाल हो गई और आज भी त्रेता युग की झलक दिख रही है। भक्तों के हूजूम और उनके जयघोष से ऐसा लगता है कि हम त्रेता युग के दौरान अयोध्या वापस चले गए हैं।”
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