Ram Navami Violence: NHRC की टीम ने बंगाल में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। टीम ने हाल ही में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया था। रिटायर्ड जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में NHRC की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने 30 मार्च 2023 को हावड़ा और फिर हुबली में हुई हिंसा को लेकर जांच की थी। कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस नरसिम्हा ने इस हिंसा को ममता सरकार की प्रशासनिक विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि बंगाल में इस समय कानून व्यवस्था की जो स्थिति है उस सूरत में तो सिर्फ ईश्वर ही बचा सकते हैं।
पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल
कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि ‘रामनवमी के जुलूस पर हमला हुआ है। हमने जो जानकारी जुटाई है,उसके मुताबिक तो शोभायात्रा शांतिपूर्वक शुरू हुई थी और उस समय पुलिस बल तैनात भी था लेकिन जैसे ही उपद्रवियों ने यात्रा पर ईंट-पत्थर बरसाना चालू हुए, पुलिस वहां से पूरी तरह हट गई। कुछ इलाकों में उपद्रवी जबरन घुसे और एक तबके के घरों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ की गई। आप देखिए मुख्यमंत्री जी की भाषा में तुम है। जो लोग रामनवमी मना रहे थे वो तुम हैं। बाकि जो हिस्सा है जैसे कि सरकार और उपद्रवियों का,वह उनके लिए हम हैं। लोकतंत्र में यह अच्छा नहीं है।’
इसे भी पढ़ेंः Bomb attack on TMC office: बंगाल में TMC दफ्तर पर बम से हमला और फायरिंग! इस संगठन को ठहराया जिम्मेदार
जांच से सरकार डरी हुई
जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि NHRC कमेटी की जांच से सरकार डरी हुई है। क्यों उसे मालूम है कि उनका भेद खुल जाएगा। NHRC टीम को रिसड़ा जाने से रोका गया। पुलिस कह रही धारा 144 लगी हुई है। लेकिन यहां तो कुछ भी नहीं है। ‘यह पूरी तरह प्रशासनिक विफलता है। यहां सरकार ने दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय उल्टा पीड़ितों पर ही कार्रवाई कर दी। जांच में सामने आया कि एक महिला के 2 भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जब थाने मिलने गई तो देखा दोनों हाथ-पैर बांध रखे हैं। धमकाया जा रहा है कि आवाज निकाली तो और खराब होगा’
इसे भी पढ़ेंःRahul Gandhi के ट्वीट से भड़के CM Himanta, बोले- ‘पीएम मोदी के दौरे के बाद मानहानि का केस