Ranchi News : झारखंड की राजधानी रांची बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जानकारी के लिए बता दें कि राज्य में पहली बार शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से सरकारी स्कूलों में छठी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के पाठ्यक्रम में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण यानी POCSO अधिनियम को शामिल किया गया है।
जानें क्या है POCSO अधिनियम
जानकारी के लिए बता दें कि POCSO अधिनियम बच्चों के यौन शोषण से निपटने और उन्हें यौन अपराधों, उत्पीड़न और अश्लील साहित्य से बचाने के लिए बनाया गया है। इस अधिनियम के तहत बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षा देने की कोशिश की गई है।
बता दें कि झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के सहायक निदेशक बांके बिहारी सिंह ने कहा कि पहले स्कूलों में आयोजित राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के तहत बच्चों को अधिनियम के बारे में जानकारी मिलती थी।
पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगा POCSO
आगे कहा कि अब, उन्हें अपने पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में अधिनियम के अंतर्गत आने वाले अपराधों और यदि वे कभी खुद को अपराधियों के निशाने पर पाते हैं। तो उन अपराधों से कैसे निपटना है, के बारे में सिखाया जाएगा।
बता दें कि झारखंड में 2020 से मार्च 2023 तक POCSO के तहत दर्ज 4,782 मामलों में फैसले लंबित हैं। इस दौरान कुल 4,101 मामलों का निपटारा किया गया। लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2022 में पोक्सो के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जहां हर दिन औसतन 22 मामले दर्ज किए जाते हैं। कुल मिलाकर, यूपी में 8,151 घटनाएं दर्ज की गईं।
यूपी के बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान भी इसी लिस्ट में शामिल है। रिपोर्ट में पोक्सो अधिनियम की धारा 4 और 6 के तहत पंजीकृत पीड़ितों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है। बता दें कि साल 2021 में 33,348 की तुलना में 2022 में कुल 38,444 पीड़ित थे। इन मामलों में मुख्य रूप से लड़कियां शामिल थीं, जिनमें 38,030 लड़कियां और 414 लड़के प्रभावित थे।
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