CM Nitish Kumar: लंबे समय से सीएम नितीश कुमार सहित अन्य पार्टी नेताओं से चली आ रही जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा(Upendra Kushwaha) को आज भारी पड़ गई। जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कुशवाहा को पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया।
जानें क्या है पूरा मामला
आपको बता दें जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बिहार में राजद के साथ दूसरी बार सरकार गठने से ही सीएम नितीश कुमार से नाराज चले आ रहे थे। ये नाराजगी तब और बढ़ गई जब उन्होंने पार्टी के सर्वोच्च नेता नितीश के खिलाफ पूरी तरह विरोध में उतर पार्टी के कायर्कताओं को सीधे एनडीए के साथ जाने के लिए खुला पत्र लिखकर विमर्श के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने इस पत्र में लिखा कि “समय-समय पर पार्टी की बैठकों में मैंने अपनी बात रखी है। विगत एक-डेढ़ महीने से मैने हर संभव तरीके से कोशिश की है कि दिनोंदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके।”
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सीएम को भी किया था आगाह
उपेंद्र कुशवाहा अपने पत्र में आगे लिखते हुए कहते हैं कि “मेरी चिंता और जहां तक में समझता हूं आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जेडीयू विखर गया तो उन करोड़ो लोगों का क्या होगा जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं और जिन्होंने बड़े-बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान किया है।”
सीएम नितीश ने भी किया पलटवार
सीएम नितीश कुमार ने भी उपेंद्र कुशवाहा के आरोपों का जबाव देते हुए कहा कि हमने उनके लिए क्या नहीं किया, उनको हमने नेता बनाया, विधायक, विधानपरिषद से लेकर राज्य सभा सदस्य तक बनाया। उनके लिए क्या नहीं किया, फिर भी कुछ भी बोले जा रहे हैं। सीएम सोमवार को कटोरिया प्रखंड के करझोंसा में आए हुए पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा इतना कुछ करने के बाद भी वो दो-दो बार पार्टी से भागने के बाद भी पार्टी में तब आए जब उन्होंने पार्टी में बने रहने का बाद किया।
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