Retail Inflation: देश में लगातार बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। जनवरी के महीने में रिटेल महंगाई बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई है जो तीन महीने का उच्चतम स्तर है। दिसंबर 2022 में रिटेल महंगाई दर (खुदरा मुद्रास्फीति) 5.72 प्रतिशत थी। नवंबर 2022 में रिटेल महंगाई दर 5.88 प्रतिशत रही। वहीं अक्टूबर 2022 में रिटेल महंगाई दर 6.77 प्रतिशत थी। अब जनवरी 2023 के महीने में यह महंगाई दर 6.52 प्रतिशत है जो तीन महीने का उच्चतम स्तर है। तीन महीने पहले अक्टूबर के महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर सबसे ज्यादा थी। जनवरी के महीने में हुई इस बढ़ोतरी के साथ अप्रैल के महीने में होने वाली RBI की मीटिंग में एक बार फिर रेपो-रेट बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
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खाने-पीने के सामान पर सबसे ज्यादा बढ़ी कीमतें
बता दें कि इस समय सबसे ज्यादा कीमतें खाने-पीने के सामान पर बढ़ी हैं। खास तौर पर दाल, चावल, आटा, और सब्जियों की कीमतों में इजाफा हुआ है जिसके कारण रिटेल महंगाई दर में इजाफा हुआ है। जनवरी 2023 के महीने में फूड इन्फ्लेशन 5.94% हो गई। दिसंबर 2022 के महीने में फूड इंफ्लेशन 4.19 प्रतिशत थी।
महंगाई कैसे करती है आम-आदमी को प्रभावित?
बता दें कि महंगाई का सीधा असर आम लोगों पर पड़ता है। इसका सीधा संबंध पर्चेजिंग पॉवर से है। मान लीजिए कि महंगाई दर 7 प्रतिशत है तो आपके कमाए हुए 100 रुपयों की वैल्यू केवल 93 रुपए होगी। ऐसे में आपको महंगाई को देखते हुए ही पैसे निवेश करने चाहिए वरना आपके पैसों की वैल्यू कम हो जाती है।
शहरों के मुकाबले ज्यादा रही गांवों में महंगाई
खबरों की मानें तो जनवरी के महीने में सब्जियों की कीमतें घटी हैं लेकिन ईंधन और प्रकाश समेत अन्य श्रेणियों में कीमतें बढ़ी हैं। दिसंबर के महीने में खाद्य पदार्थों की कीमत 4.19 प्रतिशत थी जो जनवरी 2023 में यह महंगाई दर 5.94 प्रतिशत हो गई। बता दें कि शहरों के मुकाबले गांवों में महंगाई दर ज्यादा रही। शहरी केंद्रों में खुदरा मुद्रास्फीति दर छह प्रतिशत थी जबकि गांवों में यह दर 6.85 प्रतिशत रही।
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