Reusable Launch Vehicle: इसरो ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। आपको बता दें कि भारत की पहली प्रयोज्य लॉन्च वाहन( आरएलवी) पुष्पक विमान को शुक्रवार की सुबह 7 बजे कर्नाटक के चित्रदुर्ग से लॉन्च किया गया। लॉन्च के समय इसरो प्रमुख एस सोमनाथ भी मौजूद थे। बता दें कि आयोजित श्रृंखला के दूसरे आरएलवी लेक्स-02 लैंडिंग प्रयोग के माध्यम से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (आरएलवी) प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
इसरो ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी जानकारी
बता दें कि इसरो ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि पुष्पक को भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर द्वारा उठाया गया और 4.5 किमी की ऊंचाई से छोड़ा गया। रनवे से 4 किमी की दूरी पर रिलीज होने के बाद, पुष्पक स्वायत्त रूप से क्रॉस-रेंज सुधारों के साथ रनवे पर पहुंचा। यह ठीक रनवे पर उतरा और अपने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम का उपयोग करके रुक गया।”इसरो का आधुनिक विमान समृद्धि और नवीनता का प्रतीक है। वहीं इसरो के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
कैसे होगा फायदा
●पुष्पक की लंबाई की बात करे तो यह 6.5 लंबा और इसका वजन 1.75 टन है। बता दें कि यह एक हवाई जहाज जैसा स्पेसक्राफ्ट रॉकेट है। वहीं इसरो इसको स्पेस में भेजने की तैयारी कर रहा है।
●जब यह स्पेस से अपना मिशन पूरा करके लौटेगा, तो इसको एक छोटा सा थ्रस्ट दिया जा सकता है। इसकी खासियत यह है कि यह उस जगह ही लैंडिग करेगा जहां इसरो इसकी लैंडिग करवाना चाहेगा।
●अगर इसकी लागत की बात करे तो खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट में 100 करोड़ रूपये खर्च किए है। गौरतलब है कि सरकार का फोकस रियूजेबल रॉकेट तैयार करना है ताकि भविष्य में मिशन में होने वाले खर्चे को कम किया जा सके।