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Mohan Bhagwat: ‘कौन बहुसंख्यक, कौन अल्पसंख्यक..,’ मंदिर-मस्जिद को लेकर छिड़े संग्राम के बीच RSS प्रमुख ने खींच दी रेखा!

RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने देश में मंदिर-मस्जिद को लेकर छिड़े विवाद के बीच बड़ी रेखा खींच दी है। बीते दिन सहजीवन व्याख्यानमाला में 'भारत-विश्वगुरु' विषय पर अपना पक्ष रखते हुए आरएसएस प्रमुख ने लोगों से आपकी सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। संघ प्रमुख के इस बयान को लेकर खूब चर्चा है और कई नेता इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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Mohan Bhagwat
फाइल फोटो- डॉ मोहन भागवत

Mohan Bhagwat: देश में मंदिर-मस्जिद को लेकर छिड़े सियासी संग्राम के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख का एक अहम बयान चर्चाओं में है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सहजीवन व्याख्यानमाला में ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर अपना संबोधन करते हुए एक बड़ी रेखा खींच दी है। मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं की आस्था का विषय था। अब हर दिन एक नया मामला उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है?” संघ प्रमुख भारत की एकता पर जोर देते हुए कहा कि “”कौन अल्पसंख्यक है, कौन बहुसंख्यक? यहां सभी समान हैं।” सपा सांसद इकरा हसन और मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान का समर्थन किया है।

मंदिर-मस्जिद को लेकर छिड़े संग्राम के बीच RSS प्रमुख Mohan Bhagwat ने खींच दी रेखा!

गुरुवार को सहजीवन व्याख्यानमाला में ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर अपना पक्ष रखते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ी रेखा खींच दी है। मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि “राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दें उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह कदाचित स्वीकार्य नहीं है।” आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि “यहां कौन अल्पसंख्यक है और कौन बहुसंख्यक है? यहां सभी एक समान हैं। हमारे देश में सभी अपनी-अपनी पूजा पद्धति का पालन स्वतंत्रता से कर सकते हैं। हमें सद्भावना से रहने और नियमों और कानूनों का पालन करने की जरूरत है।”

गौरतलब है कि मोहन भागवत का बयान ऐसे समय में आया जब देश में मंदिर-मस्जिद को लेकर चर्चा जोरों पर है। इस कड़ी में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद, कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद, शम्सी जामा मस्जिद बदायूं, जामा मस्जिद विवाद संभल को लेकर खूब चर्चा रही है।

आरएसएस प्रमुख के इस बयान पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिरअयोध्या के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास का कहना है कि “मंदिर और मस्जिद का झगड़ा सांप्रदायिक झगड़ा है। जैसे-जैसे ऐसे झगड़े बढ़ रहे हैं, कुछ लोग नेता बन रहे हैं। अगर नेता बनना ही एकमात्र लक्ष्य है, तो ऐसे झगड़े सही नहीं हैं। जो लोग सिर्फ नेता बनने के लिए संघर्ष शुरू करते हैं, वे सही नहीं हैं।”

RSS प्रमुख के बयान पर आई सपा सांसद इकरा हसन की प्रतिक्रिया

डॉ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान पर सपा सांसद इकरा हसन (Iqra Hasan) की प्रतिक्रिया सामने आई है। सपा सांसद ने ‘यूपी तक’ चैनल से बात करते हुए कहा है कि “मैं मोहन भागवत के बयान का स्वागत करती हूं। हमें आपसी सद्भावना बरकरार रखते हुए देश के विकास की बात करनी है। एक-दूसरे वर्ग का सम्मान करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है।”

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का कहना है कि ”मोहन भागवत ने जो आज कहा, वह पहले भी कह चुके हैं। उन्होंने कहा है कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने की ज़रूरत नहीं है। हम इस बयान का स्वागत करते हैं। उनकी बातें सुननी चाहिए। उन्होंने जो बातें कही हैं वो देश की एकता, अखंडता और शांति के लिए हैं।”

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