RSS on Caste Census: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भाजपा का पैतृक संगठन माना जाता है। दावा किया जाता है कि भाजपा में ज्यादातर वही निर्णय लिए जाते हैं जिन पर संघ की मुहर लगती है। हालाकि संघ इन बातों से किनारा करता है और अपने संगठन को राजनीति से हटकर समाज के लिए काम करने वाला संगठन बताता है। खबर है कि संघ की ओर से अब जातिगत जनगणना के संबंध में अहम बयान जारी किए गए हैं। दरअसल बीते दिनों विदर्भ सह-संघचालक श्रीधर गाडगे की ओर से कहा गया था कि जाति आधारित जनगणना नहीं होनी चाहिए। इससे कुछ लोगों को राजनीतिक रूप से फायदा हो सकता है। संघ ने श्रीधर गाडगे के बयान से किनारा काटते हुए आधिकारिक रुप से अब जातिगत जनगणना के समर्थन में बातें कही हैं। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आरएसएस का जातिगत जनगणना को लेकर और क्या रुख है।
जातिगत जनगणना को लेकर RSS का अहम बयान
बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातिगत जनगणना के बाद इसकी मांग देश के अलग-अलग हिस्सों में तेजी से उठ रही है। कांग्रेस समेत देश के कई प्रमुख विपक्षी दल लगातार केन्द्र सरकार से जातिगत जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच आरएसएस की ओर से भी इसको लेकर अहम बयान सामने आया है। RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने एक पत्र जारी कर इस संबंध में प्रतिक्रिया दी है। उनकी ओर से स्पष्ट किया गया है कि “आरएसएस किसी भी प्रकार के भेदभाव एवं विषमता से मुक्त समरसता एवं सामाजिक न्याय पर आधारित हिन्दू समाज के लक्ष्य को लेकर सतत कार्यरत है। इस दौरान संघ की ओर से ये भी कहा गया है कि जाति आधारित जनगणना का उपयोग समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए हो और साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी कारण से सामाजिक समरसता एवं एकात्मकता खंडित ना हो।”
RSS का कहना है कि समाज के कई वर्ग आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हैं। ऐसे में उनके उत्थान के लिए सरकारों द्वारा समय-समय पर लाई गई योजनाओं व प्रावधानों का संघ पूर्ण समर्थन करता है। इसे जातिगत जनगणना को संघ का समर्थन भी माना जा रहा है।
जातिगत जनगणना को लेकर बन रही सुर्खियां
आरएसएस द्वारा जातिगत जनगणना के संबंध में स्पष्ट किए गए रुख को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं। इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि संघ जातिगत गणना के समर्थन में है। बता दें कि बिहार सरकार ने बीते कुछ महीने पहले जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद से राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान इसे खूब मुद्दा बनाया गया था। विपक्षी दलों ने यहां तक वादा किया था कि सरकार में आने के बाद इन सभी राज्यों में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। वहीं भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर कुछ बोलने से बचता नजर आया। अब संघ के बयान के बाद दावा किया जा रहा है कि भाजपा भी आने वाले समय में इस संबंध में अहम कदम उठा सकती है।
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