S Jaishankar: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों की घोषणा के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सरकार का गठन कर लिया है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 71 अन्य कैबिनेट/राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)/राज्य मंत्रियों ने शपथ ले ली है। इसमें सबसे प्रमुख विदेश मंत्रालय को माना जा रहा है जिसका जिम्मा एक बार फिर सुब्रह्मण्यम जयशंकर (S Jaishankar) को सौंपा गया है।
विदेश मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करने के बाद आज एस जयशंकर ने राजधानी दिल्ली में भारत की विदेश नीति व संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सदस्यता को लेकर बड़ा दावा किया है। भारतीय विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि “इसके अलग-अलग पहलू हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, मोदी 3.0 की विदेश नीति बहुत सफल होगी।”
विदेश मंत्री S Jaishankar का बड़ा दावा
मोदी 3.0 के आगाज के साथ केन्द्र सराकर में शामिल सभी मंत्रियों को उनके पोर्टफोलियो भी दे दिए गए हैं। इसके तहत एस जयशंकर को एक बार फिर विदेश मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। एस जयशंकर ने आज कार्यभार संभालने के दूसरे दिन ही राजधानी दिल्ली में UNSC की सदस्यता व भारतीय विदेश नीति को लेकर बड़ा दावा किया है।
एस जयशंकर की ओर से स्पष्ट किया गया है कि “भारत यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनने के लिए प्रयासरत है और हमारा लक्ष्य इसे जल्द से जल्द प्राप्त करना है। भारत का प्रभाव न केवल हमारी अपनी धारणा के संदर्भ में बल्कि अन्य देश क्या सोचते हैं, इसके संदर्भ में भी लगातार बढ़ रहा है। दूसरे देशों को लगता है कि भारत उनका मित्र है और उन्होंने संकट के समय में यह देखा है कि हमने जी20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ की सदस्यता को आगे बढ़ाया, तो दुनिया ने हम पर भरोसा किया। इसलिए हम मानते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत की पहचान, दुनिया में जरूर बढ़ेगी।”
UNSC क्या है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। UNSC में सदस्य देशों की बात करें तो यहां 15 सदस्य होते हैं जिसमें 5 स्थायी व 10 अस्थायी होते हैं। वर्तमान में चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम (UK) और संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) जैसे 5 देश UNSC के स्थायी सदस्य हैं। वहीं इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक, स्विट्जरलैंड, अल्जीरिया, गुयाना, कोरिया गणराज्य, लियोन और स्लोवेनिया जैसे राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य हैं।
ध्यान देने योग्त बात ये है कि इन अस्थायी देशों की सदस्यता 2024 के अंत से लेकर 2025 के अंत तक समाप्त हो जाएगी। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि मोदी 3.0 में भारत अपनी कुशल विदेश नीति व रणनीति के तहत UNSC का सदस्य बन सकता है।