Samvidhaan Hatya Diwas: केन्द्र सरकार ने आज ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। केन्द्र की ओर से गृह मंत्री अतिम शाह ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। सत्तारुढ़ दल का दावा है कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल (Emergency) लगाकर संविधान की हत्या की गई थी।
केन्द्र सरकार के इस निर्णय के बाद अब सियासी गलियारों में चर्चा का एक नया दौर शुरू हो चुका है। 25 जून को Samvidhaan Hatya Diwas के रूप में मनाने वाले निर्णय को लेकर विपक्षी गठबंधन (India Alliance) के नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। ऐसे में आइए हम आपको विपक्ष की प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हैं।
मोदी सरकार के निर्णय पर विपक्ष की प्रतिक्रिया
मोदी सरकार ने आज बड़ा निर्णय लेते हुए 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने के का निर्णय लिया है। इसके बाद विपक्ष के तमाम धड़ों से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।
‘इंडिया गठबंधन’ के प्रमुख दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा है कि “इसकी बात भी वो कर रहे हैं जिन्होंने संविधान को नष्ट कर दिया है। उन्हें (BJP) अपने सामने एक दर्पण रखना चाहिए। कुछ वर्षों पहले विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की घोषणा की गई थी, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं कर रहे हैं। भारत के लोग अब ‘जुमलों’ में नहीं आएंगे।”
विपक्ष की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नेता व सांसद महुआ माजी का कहना है कि “जिस भाजपा ने 400 पार का नारा लगाया था, वह 400 तक नहीं पहुंच सकी और उसे खुद को 200 तक सीमित रखना पड़ा। इंडिया गठबंधन को जो जनादेश मिला वो इसलिए मिला क्योंकि संविधान खतरे में था। हमें इस बारे में बात करनी चाहिए कि आप (बीजेपी) इस समय कौन सा विकास कर रहे हैं, आप देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं, क्या आप यहां सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में संविधान के मुताबिक सक्षम हैं या नहीं। अब 4 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, चुनाव से पहले बीजेपी लोगों को गुमराह करना चाहती है।”
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
इंडिया गठबंधन की सूत्रधार व विपक्ष के सबसे बड़े दल कांग्रेस की ओर से भी मोदी सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया सामने आई है।
कांग्रेस की ओर से यूपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने स्पष्ट किया है “बीजेपी लोकसभा चुनाव के नतीजों से बहुत परेशान है। अब वे समझ नहीं पा रहे हैं कि कौन सा रास्ता अपनाना है या कौन सा हथियार इस्तेमाल करें ताकि वे गठबंधन की चीजों को रोक सकें। इसलिए वे अब आपात स्थिति के बारे में बात कर रहे हैं, मुझे लगता है कि ये चिंतित हैं।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि “जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, हर रोज संविधान की हत्या की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल ‘संविधान हत्या युग’ के नाम से जाना जाएगा।”
कर्नाटक के डिप्टी सीएम व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिव कुमार का कहना है कि “आपातकाल के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह और पी. वी. नरसिम्हा राव के साथ इस देश पर शासन किया है। इस देश के लोगों ने कांग्रेस पार्टी में विश्वास बहाल किया है।”