Monday, December 23, 2024
Homeदेश & राज्यSBI Electoral Bond: चुनावी बांड मामले में एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में...

SBI Electoral Bond: चुनावी बांड मामले में एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, जानें पूरी डिटेल

Date:

Related stories

Atul Subhash Suicide Case के बीच ‘गुजारा भत्ता’ को लेकर Supreme Court ने अहम बिंदुओं का किया जिक्र! बेंच बोली ‘पति पर भार..,’

Atul Subhash: देश की सर्वोच्च अदालत ने आज तालाक के मामलों में मिलने वाले 'गुजारा भत्ता' को लेकर बड़ी रेखा खींच दी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से कुछ मानक पेश किए गए जिसके आधार पर एक तालाकशुदा महिला के लिए गुजारा भत्ता का ऐलान हुआ।

‘सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं..,’ Bulldozer Action पर Supreme Court का सख्त रुख! सरकार को सुनाई खरी खोटी; पढ़ें रिपोर्ट

SC on Bulldozer Action: देश के अलग-अलग राज्यों में बुलडोजर एक्शन के तहत न्याय की नई परिभाषा गढ़ने वाले सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुलडोर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा।

‘जो जश्न मना रहे वे जल्दबाजी..,’ Aligarh Muslim University के अल्पसंख्यक दर्जे पर SC की टिप्पणी के बाद क्या बोल रहे यूजर्स?

Aligarh Muslim University: सुप्रीम कोर्ट ने आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट की ओर से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्पष्ट किया है कि Aligarh Muslim University का अल्पसंख्यक दर्जा अभी बरकरार रहेगा।

Supreme Court का बड़ा फैसला! Aligarh Muslim University का अल्पसंख्यक दर्जा रहेगा बरकरार; जानें दर्जे को लेकर क्यों मचा था घमासान?

Aligarh Muslim University: सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट (Supreme Court) में सात जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से स्पष्ट किया है कि एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा।

SC ने UP Madarsa Act पर हाई कोर्ट द्वारा दिए फैसले को पलटा, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खुशी जताते हुए कही खास बात

SC on UP Madarsa Act: उच्चतम न्यायालय (SC) ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए यूपी की योगी सरकार को बड़ा झटका दिया है।

SBI Electoral Bond: भारतीय स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चुनावी बांड के सभी विवरण चुनाव आयोग को भेजने के एक दिन बाद बुधवार को चुनावी बांड मामले में एक हलफनामा दायर किया। आपको बता दें कि हलफनामे में, सार्वजनिक ऋणदाता ने 15 फरवरी, 2024 तक खरीदे गए और भुनाए गए चुनावी बांड का विवरण साझा किया है।

हलफनामे में क्या कहा गया है?

आपको बताते चले कि हलफनामे में कहा गया है कि बैंक ने चुनाव आयोग को चुनावी बांड के नकदीकरण की तारीख, योगदान प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नाम और उक्त बांड के मूल्य के बारे में विवरण भी प्रस्तुत किया है। एसबीआई का कहना है कि डेटा 12 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 के बीच खरीदे और भुनाए गए बांड के संबंध में प्रस्तुत किया गया है।

एसबीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल 2019 से उसी साल 11 अप्रैल के बीच कुल 3,346 चुनावी बांड खरीदे गए। आंकड़ों से पता चलता है कि कुल 1,609 बांड भुनाए गए।

SBI Electoral Bond: क्या है पूरा मामला?

गौरतलब है कि एसबीआई को यह निर्देश शीर्ष अदालत द्वारा एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बांड को ‘असंवैधानिक’ और ‘अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सूचना के अधिकार का उल्लंघन’ करार देने के एक महीने बाद आया है। चुनावी बांड योजना को केंद्र द्वारा 2 जनवरी, 2018 को अधिसूचित किया गया था। बता दें कि इसे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद दान के विकल्प के रूप में पेश किया गया था।

एसबीआई का तर्क पर न्यायालय की प्रतिक्रिया

एसबीआई ने तर्क दिया कि गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग अनुभागों में संग्रहीत डेटा को इकट्ठा करने, सत्यापित करने और जारी करने के लिए महत्वपूर्ण समय की आवश्यकता होगी। बैंक ने आवश्यक जानकारी को गोपनीय रखने का दावा करते हुए 30 जून तक विस्तार का अनुरोध किया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क का खंडन करते हुए कहा कि दानदाता का विवरण एसबीआई की मुंबई शाखा में पहले से ही उपलब्ध था। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि बैंक को बस “लिफाफे खोलने, विवरण संकलित करने और जानकारी प्रदान करने” की आवश्यकता है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया, हमने आपसे मिलान अभ्यास करने के लिए नहीं कहा था। हमने सीधे खुलासे का अनुरोध किया।

Latest stories