Monday, December 23, 2024
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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर SC की बड़ी टिप्पणी, राज्य पुलिस को लगाई फटकार, DGP को कोर्ट में पेश होने को कहा

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Manipur Violence: देश के उत्तर पूर्वी हिस्से में स्थित मणिपुर राज्य में वर्षों से धधक रही हिंसा की आग एक बार फिर सुलगती नजर आ रही है। जानकारी के मुताबिक मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो सशस्त्र समूहों के बीच हुई हिंसक भिड़ंत के बाद स्थिति अस्थिर हो गई है।

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। आज (1 अगस्त, मंगलवार) कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने राज्य पुलिस पर बड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राज्य के हालातों से साफ है की ये वहां की पुलिस के नियंत्रण के बाहर है।

CJI ने राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा की तीन महीने में हिंसा जारी है, ऐसे में पुलिस ने इसे रोकने के लिए क्या-क्या किया ? उन्होंने राज्य सरकार के वकील से कहा की अगली सुनवाई में राज्य के DGP खुद यहां आकर इन सवालों का जावाब दें। कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 अगस्त, सोमवार को तय की है और DGP को कोर्ट में पेश होने को कहा है।

गंभीर नहीं राज्य पुलिस

कोर्ट ने राज्य पुलिस की गंभीरता पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि हिंसा के मामले में पुलिस ने सही ढंग से FIR दर्ज नहीं की। मामला CBI को सौंपने में भी देरी हुई। कोर्ट ने कहा कि हिंसा को लेकर 6000 FIR दर्ज हुई हैं। अगर इनमें से 50 FIR भी CBI को सौंप दी जाए, तो बची हुई 5950 का क्या होगा।

इसके साथ ही कोर्ट ने वीडियो मामले को लेकर भी सवाल पूछा। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले देरी से कार्रवाई क्यों हुई ? जब वीडियो पुराना था तो क्या पुलिस को इसकी जानकारी नहीं मिली और जब पता चला तो बयान दर्ज करने में क्यों देरी की गई।

सॉलिसीटर जनरल ने क्या कुछ कहा ?

सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने एक स्टेटस रिपोर्ट तैयार की है। ये तथ्यों पर है, भावनात्मक दलीलों पर नहीं है। सभी थानों को निर्देश दिया गया कि महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज कर तेज कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि 250 गिरफ्तारियां हुई हैं, लगभग 1200 को हिरासत में लिया गया है। राज्य पुलिस ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े वीडियो के मामले में एक नाबालिग समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया।

अवैध घुसपैठ का भी हुआ जिक्र

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि म्यांमार से लोग अवैध तरीके से आए हैं। ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि लेकिन मरने वाले हमारे लोग हैं। इस पर मेहता ने कहा कि जिन लाशों को किसी ने क्लेम नहीं किया, उनमें से अधिकतर घुसपैठियों के हैं। सीजेआई ने कहा कि ये भी बताइए कि कितने शवों की पहचान हुई। मरने वालों के नाम क्या हैं। हम जो कमिटी बनाएंगे, वह मुआवजे पर भी सुझाव देगी।

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Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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