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Sharad Pawar on Adani: अडानी को मिला शरद पवार का समर्थन! बोले- ‘कॉरपोरेट घरानों को राजनीतिक मामले में घसीटना ठीक नहीं’

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Sharad Pawar on Adani: महाविकास अघाड़ी के कांग्रेस सहयोगी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विपक्ष की जेपीसी गठित करने की मांग से खुद को अलग कर लिया है। आज शनिवार 8 अप्रैल 2023 को दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने विपक्ष की जेपीसी की मांग को फिर से गलत बताया। अडानी पर दिए इंटरव्यू को लेकर पूछे एक सवाल पर कहा कि इसके साथ भी उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर अपनी बाद रखी थी। बता दें सत्तापक्ष तथा विपक्ष के बीच अपने-अपने मुद्दों को लेकर लगातार टकराव जारी है। अडानी मुद्दे पर विपक्ष लगातार जेपीसी गठित करने की मांग करता रहा जिसके कारण संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया।

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें एनसीपी प्रमुख शरद पवार अडानी मामले में दिए एक मीडिया साक्षात्कार पर अब भी कायम हैं। उन्होंने आज दिल्ली में एक मीडिया कॉंफ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि वो अपने बयान पर अब भी कायम हैं लेकिन इससे विपक्षी एकता को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘जब अलग-अलग दल साथ आते हैं तो अलग-अलग मत होना लाजिमी है। ऐसी ही स्थिति जब हम मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मिले थे, तब सावरकर मुद्दे के पर बनी थी। मैंने उस पर अपने विचार रखे और मुद्दा सुलझ गया। इसी तरह अलग-अलग विचार आते हैं, तो चर्चाएं आतीं हैं।’ उन्होंने सलाह दी कि जेपीसी से बेहतर सुप्रीम कोर्ट से गठित कमेटी देगी।

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जानें क्या कहा था अडानी पर पवार ने

पिछले दिनों एक मीडिया समूह को दिए साक्षात्कार में शरद पवार ने कहा था कि कॉरपोरेट घरानों को राजनीतिक मामले में घसीटना ठीक नहीं है। पहले भी जब हम राजनीति में आए थे और जब सत्ताधारी पार्टी को घेरना होता था तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे। यह तो देश में कई सालों से होता आया है।  निशाना कौन होते थे? टाटा-बिड़ला। इसके बाद जब हमने टाटा के योगदान को समझा तो हम दंग रह गए। कि आखिर क्यों अब तक टाटा-बिड़ला करते रहे। अब आजकल उनकी जगह अडानी-अंबानी का नाम लेना शुरू कर दिया है। अब उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की जरुरत है। उस साक्षात्कार की सफाई देते हुए पवार ने कहा कि वैसै ये बता दूं वह साक्षात्कार केवल अडानी को लेकर नहीं था। कई और सारे मुद्दों को लेकर था जिसमें अडानी का भी एक विषय था।

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