Jamia Violence: जामिया हिंसा मामले में दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है। साल 2019 में हुए जामिया में हिंसा के मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की है। इस सुनवाई में कोर्ट ने हिंसा में शामिल 9 आरोपियों पर आरोप तय करने का आदेश दिया है। वहीं दो अन्य आरोपियों को दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा राहत प्रदान किया गया है। बात दें कि इससे पहले दिल्ली के ही एक निचली अदालत के द्वारा हिंसा में शामिल 11 आरोपियों को बेगुनाह साबित कर दिया गया था। इस फैसले के बाद दिल्ली की पुलिस ने हाई कोर्ट में इन आरोपीयों को के खिलाफ चुनौती दी थी। ऐसे में इन आरोपियों के खिलाफ अलग – अलग धाराओं में आरोप तय करने के लिए कहा है।
दिल्ली पुलिस पर किया था हमला
दिल्ली हाई कोर्ट ने इन आरोपियों के सजा का ऐलान करते हुए कहा है कि आसिफ इक़बाल तन्हा, शरजील इमाम और सफूरा जरगर ने साल 2019 में भीड़ को इकट्ठा करके पुलिस पर हमला किया था। ऐसे में जज ने फैसला सुनते हुए इन 9 लोगों पर धारा 143,147, 149, 186, 353, 427 के तहत सजा का ऐलान किया। वहीं अन्य दो लोगों को लेकर जज ने कहा कि ये दो लोग बेगुनाह है इसलिए इन्हें आरोप मुक्त किया जाता है। कोर्ट ने साफतौर पर कहा कि पुलिस के द्वारा किए गए मामले की जांच और सीसीटीवी फुटेज में ये दिखाई दे रहा है कि इन लोगों ने पहले भीड़ को इकट्ठा किया और उनके बाद दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए हमला कर दिया।
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आखिर क्या था जामिया में घटित हुआ मामला
साल 2019 में आए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जगह – जगह प्रदर्शन किया जा रहा था। ऐसे में दिल्ली में बने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के ये छात्र भी प्रदर्शन करने लगे। इन्होने प्रदर्शन को इतना बढ़ा दिया कि जगह – जगह पर आगजनी होने लगी। इसमें दिल्ली को बसों को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया था। ऐसे में दिल्ली पुलिस की तरफ से इसको लेकर जामिया पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं इस साल 4 फरवरी को दिल्ली की निचली अदालत ने ये कहकर आरोपियों को बरी कर दिया था कि असल हिंसा बढ़ाने वाले लोगों को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है और अब बेगुनाहों को फसाने की कोशिश की जा रही है।