Special Status for States: बिहार और आंध्र प्रदेश वो राज्य हैं जिन्हें विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए लंबे अरसो से मांग की जा रही है। वर्ष 2024 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बनने के बाद ये मांग और तेज हो गई है क्यों कि बिहार व आंध्र प्रदेश की प्रमुख सत्तारुढ़ दल जेडीयू व टीडीपी गठबंधन के सहयोगी हैं। दावा किया जा रहा है कि इन्ही कारणों से अब इन दोनों राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए अटकलों का बाजार गरम है।
बिहार व आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग के बीच ही केन्द्र सरकार ने चुप्पी साध रखी है और इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया देने से परहेज किया जा रहा है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि बिहार-आंध्र प्रदेश के लिए केन्द्र के समक्ष क्या विकल्प बचे हैं।
विशेष श्रेणी राज्य के लिए क्या है नियम?
केन्द्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले विशेष राज्य के दर्जे को लेकर बने वित्त योजना आयोग का आस्तित्व संकट में है। सरकार ने 13वें योजना आयोग को अगस्त 2014 में भंग कर दिया गया था और 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट के अनुसार विशेष और सामान्य श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले राज्यों के बीच अंतर नहीं है।
ऐसे में अब विशेष राज्य का दर्जा देने पर कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है।
केन्द्र के समक्ष क्या हैं विकल्प?
राज्यों को विशेष दर्जा देने की मांग के बीच अब केन्द्र चाहे तो राज्यों को विशेष पैकेज के रूप में धनराशि दे सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह केन्द्र का एक राजनीतिक निर्णय हो सकेगा और राज्य विशेष पैकेज का लाभ उठा कर विकास से जुड़े तमाम कार्यों को आसानी से संपन्न करा सकेंगे।
विशेष राज्य का दर्जा देने के राजनीतिक असर?
वर्तमान में केन्द्र की सरकार गठबंधन की दो प्रमुख पार्टियों के सहारे मजबूती से चल रही है। इसमें आंध्र प्रदेश की सत्तारुढ़ दल तेलगू देशम पार्टी (TDP) व बिहार की सत्तारुढ़ दल जनता दल यूनीइटेड (JDU) है। इन दोनों पार्टियों के पास 28 लोकसभा सांसद हैं जो कि सरकार चलाने के लिए बेहद अहम साबित हो रहे हैं। ऐसे में अगर आंध्र प्रदेश व बिहार के लिए उनके मनचाहे विशेष राज्य का दर्जा की मांग नहीं पूरी होती है संभव है कि आने वाले समय में देश की राजनीति पर इसका असर पड़ सकता है और सरकार प्रभावित हो सकती है।
क्या है विशेष राज्य का दर्जा?
केन्द्र सरकार की ओर से उन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है जहां पहाड़ी और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्र हों या कम जनसंख्या घनत्व या पर्याप्त जनजातीय आबादी वाले क्षेत्र हों। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगने वाला एक रणनीतिक स्थान या वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने की दशा में भी राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देकर उन्हें अत्याधिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।