Supreme Court: तमिलनाडु सरकार को आज सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने आज राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के रूट मार्च के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है। गौर हो कि तमिलनाडु में 47 जगहों पर आरएसएस (RSS) की ओर से रूट मार्च निकाला जाएगा। इसका तमिलनाडु सरकार विरोध कर रही थी।
Supreme Court rejects Tamil Nadu government's appeal against Madras High Court order allowing route marches by Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) in the state pic.twitter.com/PbhjSeKBhR
— ANI (@ANI) April 11, 2023
27 मार्च को फैसला रखा था सुरक्षित
मद्रास हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी। गौर हो कि 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने RSS को तमिलनाडु में मार्च निकालने की अनुमति देने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दी है।
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सरकार ने 6 जिलों में नहीं दी थी अनुमति
जानकारी के अनुसार सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया था कि स्टालिन सरकार 6 जिलों में RSS को रूट मार्च की अनुमति नहीं दे सकती है। उन्होंने बताया था कि इन जिलों में पीएफआई के साथ-साथ ब्लास्ट का भी खतरा है। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि ‘एक लोकतंत्र की भाषा और एक सत्ता की भाषा है। आप कौन सी भाषा बोलते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां हैं।’ इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी।
विश्व हिंदू परिषद ने जाहिर की खुशी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विश्व हिंदू परिषद ने खुशी जाहिर की है। विहिप ने कहा कि यह फैसला तमिलनाडु की भारत विरोधी धर्मनिरपेक्ष नीतियों के मुंह पर तमाचा है। विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट कर लिखा कि- ‘सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। यह सरकार की भारत विरोधी धर्मनिरपेक्ष नीतियों पर तमांचा है।’